जयपुर। लगता है शिक्षामंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल और विवादों का चोली दामन का साथ है। शिक्षा मंत्री एक विवाद से निपटे नहीं कि दूसरे विवाद में फंस जाते है। हाल में शिक्षा विभाग के कुछ अघिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच में दोष्ाी पाए जाने के बाद भी उनके सभी प्रकरणों को समाप्त करने की सिफारिश शिक्षा मंत्री ने कर डाली। इस वजह से शिक्षा मंत्री फिर विवादों के घेरे में आ गए हैं। शिक्षा मंत्री की इस सिफारिश से शिक्षकों में बवाल मचा हुआ है।
सूत्रों के अनुसार, जोधपुर में शिक्षा उपनिदेशक पद से सेवानिवृत्त नरिंगराम मेघवाल और अन्य कई दोषी अघिकारियों को 16 और 17 सीसी के नोटिस मिले। नोटिस मिलने के बाद भी इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने की सिफारिश विभागीय अघिकारियों के पास आई। ताज्जुब की बात यह है कि सिफारिश शिक्षा अघिकारियों में केवल उन अधिकारियों की ही आई, जिनके खिलाफ विभागीय जांच में दोष साबित हो गया और गबन के मामलों की पुष्टि भी हो चुकी है।
आक्रोशित शिक्षकों का कहना है कि इन अघिकारियों पर कार्रवाई तो हुई नहीं, उल्टी इनकी फाइल को सरकारी नियमों की आड़ में और ही मोड़ मिल गया है। मंत्री स्तर से लौटी फाइलों के बाद कई दोेषी अघिकारियों के पुराने प्रकरणों को समाप्त करने की सिफारिश आई तो अघिकारियों की नींद ही उड़ गई।
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