संविधान और कानून के पन्ने में पलटता रहा ......सिर्फ इसलियें के जो कुछ हो रहा है,जोकुछ हुआ है और जो कुछ होगा वोह कानून और संविधान के मुताबिक है या फिर कोई दूसरी किताब में लिखी कार्यवाही है .....दोस्तों यकीन मानिये बाबा रामदेव की मांगों के मामले में सरकार ने जो कुछ भी जिस तरह से किया ..अन्ना के मांग पर सरकार ने जो कुच्छ भी किया में कानूनदा आदमी सोचता रहा सरकार है कानूनी तरीके से देश के मर्यादित आचरण में जो मुनासिब होगा वोह करती रहेगी ..लेकिन बाबा से अन्ना तक और फिर लाठीचार्ज से लेकर महिलाओं की बेईज्ज़ती तक उसके बाद बाबा रामदेव के खिलाफ विभिन्न तरीके से कोंग्रेस सरकार के कार्यवाही के संकेत ..में देख कर भोचक्का रह गया सरकार ने जो कुछ भी किया या जो कुछ भी कर रही है मेने संविधान में बहुत तलाशा सरकार के कर्तव्यों में तलाशा नहीं मिला ..बाबा ने जो कुछ किया वोह तो संविधान के कर्तव्यों और अधिकारों में मिल गया लेकिन सरकार जो कुछ भी कर रही है वोह मुझे देश के किसी कानून और संविधान में भी नहीं मिला हाँ अंग्रेजों के आज़ादी के आन्दोलन दबाने की प्रक्रिया में तो यह सब पढने को मिल गया फिर मुझ से मेरे एक दोस्त ने कहा भाई क्यूँ तलाशते हो किताबों में वोह बातें वोह सब तो भ्रस्ताचारियों, कालाबाजारियों, कालेधन के व्यापारियों की निजी किताबों में लिखा हैं जिनके इशारे पर सरकार अलिखित कानून के तहत कार्यवाही करती है और ऐसा ही हुआ है ................देश मानसिक रोगियों और मतलब परस्तों के हवाले हो गया है इसे तो अब बचना ही पढ़ेगा इसलियें सब मिलकर इस लड़ाई को लड़ो देश को बचाओं भ्रष्टाचार मुक्त बनाने का सपना जितने प्रतिशत पूरा हो सके उतना पूरा करके दिखाओ ..........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
05 जून 2011
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
इतिहास आपने को दोहराता है !
जवाब देंहटाएं