आपका-अख्तर खान

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25 जून 2011

लहुलुहान करने वालों ...........................

मुझे 
सरे राह 
पत्थर से 
संग सार कर 
लहुलुहान करने वालों 
तुम 
मन्दिर और मस्जिद 
बनाने तो निकले हो 
लेकिन 
मेरे लहू के छींटे 
जिस पत्थर पर ना हो 
वोह पत्थर तो 
तलाश कर लाओ यारों .................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

2 टिप्‍पणियां:

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