दोस्तों आज देश १९७५ के दोर से गुजर रहा है , निरंकुश सरकार और लोकतंत्र की हत्या फिर जनता और नेताओं पर ज़ुल्म बाद में सरकार के नाम पर कुछ नेताओं और अधिकारीयों के घर भरने की परम्परा और फिर जनता पर लगाम कसने के लियें २५ जून १९७५ की रात्री ११बज कर ५५ मिनट पर देश में आपात स्थिति की घोषणा यह सब एक लम्बी कहानी है जिसने कोंग्रेस को कमजोर किया और फिर कोंग्रेस को लोग तलाशते रह गए सफेदी पर दाग की तरह कोंग्रेस गायब थी फिर कोंग्रेस जिंदा हुई और फिर इंदिरा जी की शहादत , राजिव जी की शहादत , सोनिया जी और इंदिरा जी की पद ठुकराने की कुर्बानी के बाद कोंग्रेस इस हालात पर पहुंची है लेकिन कोंग्रेस के कुछ लोग हैं जो कोंग्रेस को तबाह और बर्बाद करने की कसम लिए बेठे हैं उनके लियें संगठन का भविष्य , देश का भविष्य और जनता के हित कोई खास अहमियत नहीं रखते हैं वोह तो बस जो चाहते हैं वाही कर रहे है देश की जनता को लुट कर विदेशों को धन के से दिया जाए ..देश की जनता को नीबू की तरह से निचोड़ कर उसकी कमर केसे तोड़ी जाए इसके सरकार में बेठे लोगों द्वारा नए नए तरीके इजाद किये जा रहे हैं हालात यह हैं के आज जनता और सरकार की हालत बन्दर और सांप की कहानी की तरह हो गयी है जी हाँ दोस्तों बन्दर और सांप की कहानी तो अपने सुनी ही होगी .......बन्दर काले सांप को हाथ में लपेट कर उसका मुंह अपने हाथ में ले लेता है और जमीन पर रगड़ता रहता है वोह सांप के मुंह को फिर उठाता है देखता है और उसे जानब यह अहसास होता है के सांप में अभी जान बाक़ी है तो फिर उसका मुंह वोह जमीन पर रगड़ने लगता है और जब तक रगड़ता रहता है जब तक सांप तड़प तड़प नहीं मर जाता ..कुछ इस तरह का ही खेल यह सरकार हमारी जनता के साथ खेल रही है ..महंगाई भ्रष्टाचार ने तो देश की कमर तोड़ ही दी है ..कालाबाजारियों के पास मॉल जमा है कानून ताक में रखे हैं और जो कानून हैं उनकी पालना अमीरों के खिलाफ नहीं हैं हाँ अगर देश में कोई भ्रष्टाचार के खिलाफ बोला तो उसकी हालत बाबा रामदेव की तरह दडबे मेंघुसा कर मरने पीटने की हो रही है ..बाबा रामदेव का उत्साह खामोश कर दिया गया है वोह अपनी लंगोटी और धोती संभालने में लगे हैं इधर लोकपाल की बात करने वाले बाबा आमटे का हाल तो सब ही जान रहे हैं उनके बुढापे में कोंग्रेस धूल डालने लगी है जो बोल रहा है उसके लठ पढ़ रहे हैं और आज देश सरकार में बेठे लोगों की हठधर्मिता और तानाशाही के हिसाब से फिर से एक आपात काल की तरफ जा रहा है यह संयोग है के यह दिन वाही २५ जून का है ..........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
25 जून 2011
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आपने सरकार को आईना दिखाने की कोशिश की है. अच्छा लिखा है.
जवाब देंहटाएंदुनाली पर देखें
बाप की अदालत में सचिन तेंदुलकर
इंदिरा जी की मौत को शहादत का दर्जा किसने दे दिया ?
जवाब देंहटाएंराजनीतिबाज़ तो इसे उनकी अपनी ग़लतियों का नतीजा मानते हैं ।