खबरदार सुप्रीमकोर्ट के आदेश की पालना करवाने की मांग की तो खेर नहीं ...जी हाँ दोस्तों यह शीर्षक पढ़कर आपको लगेगा के अख्तर खान अकेला तो पगला गया है लेकिन शायद आप सही समझ रहे हैं ..दोस्तों में मेरे हिन्दुस्तान और फिर मेरे राजस्थान की बात करूंगा ..हिंदुस्तान की जहा तक बात है यह तो बेचारा जुगाड़ से चल रहा है महान है यहाँ कानून बना है के कानून तोड़ने वालों को सजा दी जाये और सरकार कानून जो बने हैं उनकी पालना करे ..हाल ही में देश में जो भी तमाशे हो रहे हैं सब देख रहे हों यहाँ अगर आप ने भ्रस्ताचार और कालेधन की बात कर दी तो सरकार आपकी दुश्मन है उसके खिलाफ कोई धरना प्रदर्शन किया तो चाहे अन्ना हो चाहे बाबा हो सभी का तिरस्कार है सुप्रीमकोर्ट अगर कालेधन की बात कहे तो सरकार है के मानती नहीं ...........................कुल मिलाकर कानून क्या है सरकार कानून का केसे पालना कर रही है मेने जो कानून की किताब और संविधान में पढ़ा है वोह सब अब मुझे बेमानी लगते हैं मुझे पता नहीं के सरकारे देश के कोनसे कानून और कोनसी निति के तहत चल रही है लेकिन यह सच है के देश अंग्रेजों के कट्टर और लुटेरे शासन से भी खराब हाल में हैं अँगरेज़ देश का धन लुट कर बहर ले जाते थे अभी भी नेता देश का धन लुट कर बाहर ही ले जा रहे हैं ..खेर यह देश की बात है में मेरे राजस्थान की बात करता हूँ यहाँ राजस्थान में कर्मचारी पदोन्नति में आरक्षण की मांग को लेकर वर्ष २००६ के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने की मांग कर रहे हैं मेरी बात शायद आप समझ गए होंगे वर्ष २००६ के सुप्रीमकोर्ट के निर्णय को लागु करने की मांग पांच साल बाद की जा रही है इस मांग को इतने सालों तक भी पूरा करने के प्रयासों में सरकार असफल रही नतीजन कर्मचारी और प्रभावित लोग अपनी मांग लोकतान्त्रिक तरह से पूरी करवाने के लियें रेली की बात कर रहे थे लेकिन अफ़सोस राजस्थान में अगर कोई सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के पक्ष में या इसे लागु करवाने की मांग पर लामबंद हुआ तो कर्मचारियों की यहाँ खेर नहीं ऐसे आदेश राजस्थान की सरकार ने निकाल दिए है अब है न मेरा देश महान जहां सुप्रीम कोर्ट के आदेश की क्रियान्विति की मांग भी भारी पढ़ सकती है ............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)