जी हाँ दोस्तों आज़ाद भारत में काले धन और भ्रष्ट लोगों के खिलाफ आवाज़ उठाना किसी को भी इतना महंगा पढ़ सकता है के उसके अनशन स्थल को तहस नहस कर जनता को खदेड़ दिया जाए यह आज़ाद भारत में कभी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी लेकिन इस कोंग्रेस सरकार जिसके कार्यकाल में भ्रष्टाचार के लाखों लाख कारनामे हुए हैं और इन कारनामों पर कोंग्रेस शर्माती नहीं है गुर्राती है हमारे विपक्ष के नाता काले धन के व्यापारी होने के कारण ब्लेकमेल होते हैं खुल कर कुछ नहीं बोल सकते और मजबूरी में देश को भ्रस्ताचार की आग में झोंकने वाले प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह को सभी लोगों को ईमानदार बताना पढ़ता है .....देश में कई बार भ्रस्ताचार के खिलाफ छोटे स्तर पर आवाज़ उठी लेकिन पक्ष विपक्ष चोर चोर मोसेरे भाई की तरह उद्द्योग्प्तियों और भ्रष्टाचारियों के कहने में आकर इस आवाज़ को दबाते रहे हैं फुट डालो राज करो की रणनीति के तहत भ्रष्ट और काले धन के जनक ही सरकार के सिरमोर बने हैं ..
पहली बार देश में एक आवाज़ उठी देश का काला धन वापस लाने की ,देश से भ्रस्ताचार समाप्त करने की ,देश के किसानो,बेरोजगारों को न्याय देने की लोग जमा हुए लाखों करोड़ों लोग इस आन्दोलन के साथ थे लेकिन मुझे इस आन्दोलन का हश्र पता था क्योंकि भ्रष्टाचार और कालेधन की सूचि सार्वजनिक करने के मामले में जब प्रधानमन्त्री को सुप्रीमकोर्ट ने एक दर्जन से भी अधिक बार निर्देश और आदेश दिए हैं लेकिन सरकार ने यह सभी आदेश कचरे की टोकरी में डाल दिए हैं ऐसे में सरकार किसी भी तरह से देश से भ्रष्टाचार और कालेधन की बीमारी केसे खत्म करने पर बात कर सकती है चोर से भ्रष्ट से अगर चोरी नहीं करने और भ्रष्टाचार नहीं फेलाने की बात कहें तो फिर ऍन कें प्रकारेण वेह आपको सबक सिखाने के लियें हरसम्भव प्रयास तो करेगा ही सही ..बेचारे योग गुरु जो कोंग्रेस को इमादार कोंग्रेस के प्रधानमन्त्री को ईमानदार होने का प्रमाण्पत्र दे रहे थे समझोते की वार्ता लगातार कर रहे थे उन्हें क्या पता के भ्रष्ट लोगों के कालाबाजारियों के हाथ कितने लम्बे होते हैं यह खाते हैं गुर्राते हैं देश की जनता को गुलाम बना कर रखना चाहते हैं इनके हठी के दांत होते हैं खाने के और दिखाने के और ..यह लोग जनता के लियें घडियाली आंसू बहते हैं इनकी संवेदनशीलता जनता के लियें नहीं भ्रष्ट और कालाबाजारियों और जमाखोरों के लियें होती है यह में नहीं कहता पिछले सात सालों का इतिहास उठा कर देख लो हर वक्त भ्रष्ट और कालाबाजारियों जमाखोरों को बचाने का प्रयास किया गया है कोंग्रेस के इमानदार प्रधानमन्त्री ने इमानदार में नहीं कहता जो लोग इनके पास काले धन की सूचि देख कर खुद का नाम उजागर न हो इस डर से इमानदार कहते है देश में अंग्रेजों के वक्त जलियावाला काण्ड से भी ज्यादा खतरनाक काम कर लोकतंत्र का इस बेरहमी से गला घोंटने का प्रयास किया है लेकिन भ्रष्टाचारियों कालाबाजारियों को बचाने के प्रयास में प्रधानमन्त्री जी ने अपने पेरों पर कुल्हाड़ी मार ली है अब यह आवाज़ गाँव गाँव चोपालों पर पहुंच गयी है .....अब तो राजनितिक पार्टियों को भी इस मामले में फ्रंट पर आकार इस लड़ाई को लड़ना चाहिए सरकार के इस कारनामे का मुंह तोड़ जवाब देना चाहिए वेसे उत्तरप्रदेश के चुनाव सर पर हैं विपक्ष इसका फायदा अचुप रहकर उठाने का प्रयास करेगा क्योंकि वोह भी काले धन ,भ्रस्ताचार,जमाखोरों का प्रतिनिधित्व करने वाले लोग हैं .....................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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