चलती ट्रेन में खूनी खेल
सवाईमाधोपुर/ इंद्रगढ़ (बूंदी)। कोटा से सवाईमाधोपुर के बीच इन्द्रगढ़ रेलवे स्टेशन पर इंदौर-जोधपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस (12465 डाउन) में रविवार को जुए को लेकर हुए झगड़े ने खूनी रंग ले लिया। लेन-देन को लेकर विवाद होने पर एक जने ने गोली मारकर तीन पत्ती (जुआ) गिरोह के एक सदस्य की हत्या कर दी। बदले में गिरोह के लोगों ने अभियुक्त की जमकर पिटाई की। इंद्रगढ़ से कोटा ले जाते हुए रास्ते में उसने दम तोड़ दिया।
भागते समय दबोचा
पुलिस के अनुसार, दोपहर करीब डेढ़ बजे हुई इस घटना के बाद जैसे ही ट्रेन इंद्रगढ़ स्टेशन पर रूकी। अभियुक्त ट्रेन से उतरकर दौलतपुरा गांव की ओर भागा। इस दौरान गिरोह के सदस्यों ने मारपीट कर उसे गंभीर घायल कर दिया। इंद्रगढ़ थानाप्रभारी राजेश सोनी ने पीछा कर दौलतपुरा के पास उसे पकड़ लिया। पुलिस ने मारपीट करने वाले तीन-चार जनों को हिरासत में लिया है। पुलिस ने उससे पिस्तौल भी बरामद की। उसे घायलावस्था में इंद्रगढ़ चिकित्सालय में प्राथमिक उपचार के बाद कोटा रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में उसका दम टूट गया।
पुलिस ने बताया कि आरोपी के पास से बरामद पिस्तौल में गोलियां नहीं थी। लोगों ने उसके भागते वक्त भी फायर करने की बात कही है। सुमेरगंजमण्डी स्टेशन पर अभियुक्त को पिस्तौल लेकर भागता देख प्लेटफार्म पर अफरा-तफरी मच गई।
सामान्य श्रेणी कोच में हुई घटना : जिस बोगी में घटना हुई वह टे्रन के आखिरी से दूसरे नम्बर का सामान्य श्रेणी कोच (बोगी नम्बर 08444) था। युवक का शव 11 नम्बर सीट के पास खून से लथपथ पड़ा था। रेलवे पुलिस के अनुसार घटना इसी सीट के पास हुई थी। टे्रन के डिब्बे में शव के पास जिंदा कारतूस भी मिला। संभवतया हनुमानाराम और फायर करना चाह रहा था, लेकिन छीना-झपटी व हड़बड़ी में जिंदा कारतूस वहीं पर गिर गया।
डिब्बे में मची भगदड़
जीआरपी थाना कोटा प्रभारी कल्याणसहाय मीणा ने बताया कि घटना के बाद यात्रियों में भगदड़ मच गई। पूरा डिब्बा खाली हो गया। इसकी सूचना यहां सवाईमाधोपुर जीआरपी थाने में दी गई। ट्रेन के 2 बजकर 15 मिनट पर सवाईमाधोपुर स्टेशन पहुंचने पर जीआरपी ने शव उतारा।
उसे जिला अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया। मामला राजकीय रेलवे थाना कोटा के क्षेत्राघिकार में होने के कारण देर शाम पुलिस अघिकारियों के पहुंचने पर नजरूद्दीन के शव का परिजनों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम किया गया। शव उतारने के बाद टे्रन अपराह्न 3 बजकर 3 मिनट पर सवाईमाधोपुर से जयपुर रवाना की गई। नजरूद्दीन के पिता पर तीन पत्ती से जुड़े कई मामले भी दर्ज थे।
यात्रियों को ऎसे फांसते हैं गिरोह
तीन पत्ती गिरोह लाखेरी और इन्द्रगढ़ से ट्रेनों में सवार होते हैं। इसके सदस्य यात्रियों के सामने एक-दूसरे से अपरिचित होने का नाटक करते हैं। बैठते ही तीन पत्ती खेलने लग जाते हैं। धीरे-धीरे यात्रियों को भी शामिल कर लेते हैं। गिरोह शुरू में बाजी हारते हैं, लेकिन अंत में बड़ी बाजी लगा जीत लेते हैं। उनके कुछ सदस्य इस दौरान आमने-सामने बैठे या खड़े रहते हैं और दूसरों के पत्ते देख इशारों से साथियों को बताते रहते हैं। यात्री के रूपए नहीं देने पर गिरोह के सदस्य मारपीट पर भी उतारू हो जाते हैं।
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