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06 जून 2011

मनमोहन सिंह ने नर्सिंग्घा राव का अधुरा काम पूरा किया ...............

मनमोहन सिंह ने नर्सिंग्घा राव का अधुरा काम पूरा किया ...... जी हाँ यह सच है ..कई वर्षों से प्रधानमन्त्री का पद हथियाने का सपना देखने वाले आर एस एस के स्वयम सेवक नर्सिंग्घा राव को राजिव गाँधी की हत्या के बाद प्रधानमन्त्री बनाया गया और उस वक्त सीताराम केसरी सहित वोह सोनिया गान्धी के दुश्मन हो गये थे उन्होंने राजिव गाँधी हत्याकांड तक की जांच  नहीं करवाई थी और आज जो चिदम्बरम , जो मनमोहन है वोह राव के मंत्रिमंडल के नो रत्न थे ..अमेरिका के दबाव में अमेरिका नीतियों को देश में लागू कर देश का रुपया विदेशों में पहुँचाने की निति बनाने के लियें ही राव ने मनमोहन की विश्व बेंक की नोकरी देख कर देश की आर्थिक व्यवस्था खत्म करने का काम सोंपा था और मनमोहन को वित्तमंत्री बनाया था आप आंकड़े उठा कर देख लें तब से आज तक मनमोहन की निति देश को डूबा रही है जनता को रुला रही है व्यापारियों,विदेशियों,विदेश   में रुपया जमा करने वालों और भ्रष्ट लोगों के मजे हैं खुद आंकड़े उठा लो देश तबाही और बर्बादी की तरफ है आज देश में गृह युद्ध की स्थिति है ...राव जो विश्व के सबसे भ्रष्ट प्रधानमन्त्री साबित हुए और प्रधानमन्त्री रहते हुए उनके खिलाफ देश की अदालत में मुकदमा चलाया गया तब उन्हें कुटिल कपिल सिब्बल मिले और उन्होंने इन्हें भी देश की बर्बाद करने की टीम में शामिल कर लिया राव गंध परिवार के दुश्मन थे इसलियें राजीव गाँधी की हत्या के बाद वोह किसी भी हालत में सोनिया गाँधी को राजनीती में नहीं आने देना चाहते थे और उन्हें खूब द्र कर रख रहे थे उस वक्त मनमोहन राव के हमजोली थे ..राव देश के नक्शे और इतिहास से कोंग्रेस को खत्म करना चाहते थे लेकिन कोंग्रेस एक बढ़ा सन्गठन था उनकी म्रत्यु के बाद फिर से सोनिया और राहुल की जांबाजी से उठ खड़ा हुआ राव की बाबरी मस्जिद लापरवाही के बाद भी मुसलमान फिर से कोंग्रेस से जुड़ गए दलित कोंग्रेस के साथ आये और सोनिया गाँधी महिलाओं को साथ लाने में कामयाब हुई जबकि राहुल गांधी ने युवाओं को एक नई दिशा दी और मुर्दा कोंग्रेस में जान फूंक दी लेकिन मनमोहन को प्रधानमन्त्री बना कर सबसे बढ़ी गलती कर डाली . मनमोहन सिंह जो कभी चुनाव नहीं जीत सकते इसलियें उन्हें चोर दरवाजे यानि राज्यसभा से लाया गया और अब वोह कोंग्रेस को बर्बाद और खत्म करने का जो काम नर्सिंग्घा राव जो अधुरा कम छोड़ गए थे उसे पूरा करने में लगे है देश में महा भ्रस्ताचार और महा अत्याचार के उदाहरणों की पराकाष्ठा है दिल्ली रामलीला मैदान और अन्ना की घटना ने देश की जनता को कोंग्रेस के खिलाफ बगावत करने को मजबूर कर दिया  है अकेले एक मनमोहन और उनकी टीम ने देश में कोंग्रेस को स्थापित करने के लिए महात्मा गाँधी ,नेहरु ,इंदिरा जी ,राजीव जी ने जो खून बहाया है उसे मनमोहन की नीतियों ने उसे मिटटी में मिला दिया है कोंग्रेस को फिर से जिंदा करने के लियें सोनिया ,राहुल और प्रियंका ने जो पसीना बहाया है उसे भी मनमोहन ने अपनी कुटिल चालों से पानी पानी कर दिया है और सच यही है जो भविष्य का इतिहास बतायेगा के कोंग्रेस को बर्बाद करने की कसम जी नर्सिंग्घराव ने खायी थी उनके अधूरे काम को आज मनमोहन सिंह ने प्रधानमन्त्री रहते पूरी कर डाली है और कोंग्रेस को अब शायद लोग हाशिये पर तलाश करते रह जायेंगे अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है सोनिया ओर राहुल राष्ट्रहित में सोच कर कोंग्रेस को बचाने के लियें भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने के लियें देश और कोंग्रेस को मनमोहन मुक्त कर दें वरना सही यही होगा के लोग कोंग्रेस को एक सफेदी के दाग की तरह ढूंढ़ते रह जायेंगे और हम भी इसमें पिस जायेंगे .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 

4 टिप्‍पणियां:

  1. भारत में एक बार फिर जलियावाला हत्याकांड दोराह्या गया हे जो इस भ्रष्ट सरकार ने ये करवाया हे । जो भाई बहिन वंहा नही थे । वो पूरी बात जानने के लिए इस साईट पर जाएं http://www.bharatyogi.net/2011/06/blog-post_05.html

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  2. भाई साहब ! पहले भी कई बार हाशिए पर जा चुकी है कांग्रेस लेकिन जो लोग उसकी जगह लेते हैं वही फिर से उसके आने का मार्ग तैयार करते हैं। इस तरह ये सभी दल एक के बाद एक सत्ता का सुख लेते रहते हैं। जनता को किसी बेईमान से राहत मिलने वाली नहीं है क्योंकि जनता नेकी के उसूलों पर चलने के लिए ही तैयार नहीं है। जनता तो गुटखा, तंबाकू और शराब में पहले खरबों रूपये ख़र्च करती है और फिर शीला की जवानी जैसे अश्लील गानों पर नाचती झूमती है और कैंसर और एड्स की मरीज़ होकर दुख भोग कर मर जाती है।
    नेक लोग इन लुच्चे-टुच्चे लोगों में ऐसे पिसते रहते हैं जैसे कि गेहूं के साथ घुन।
    आज जिसे देखिए वही नेता बना घूम रहा हो चाहे उनमें राजनेताओं की कुटिल चाल समझने के लायक़ अक्ल न हो। अन्ना हज़ारे और बाबा रामदेव इसके ज़िन्दा उदाहरण हैं। ये तो फिर भी ग़नीमत हैं लेकिन आजकल तो वेश्याएं और समलैंगिक तक नेता बने घूम रहे हैं और देश को दिशा देने में लगे हैं।
    अरे भाई ! नेता बनने के लिए कुछ योग्यता होना ज़रूरी है कि नहीं या पीछे भीड़ इकठ्ठी हुई नहीं और खड़े हो गए नेता बनकर ?
    जनता की समस्याओं का समाधान तभी मुमकिन है जबकि वह ‘मानवता के आदर्श‘ को पहचानना सीखे और उसका अनुसरण भी करे। तभी उसे ऐसे नेता मयस्सर आएंगे जो उसे ‘सीधी राह‘ दिखांएगे।
    http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/06/baba-ramdev-ji.html?showComment=1307399728357

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