देश भर में पूंजीपतियों और उद्ध्योग पतियों के कहने में आकर सरकार द्वारा कुछ थोड़े से निजी फायदे के लियें किसानों की खेती की जो जमीन कोडियों में अधिग्रहित की जाकर उद्द्योगपतियों को दी जा रही थी उस पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाम कस दी है ........देश भर में सरकार अपनी ताकत और अधिग्रहण नियमों का हवाला देकर लाठी और बंदूक के बल पर गरीब बेबस किसानों की करोड़ों करोड़ रूपये की भूमि अधिग्रहित कर पूंजीपतियों को बेच कर रुपया कमाती रही है और गरीब किसानों को ऊंट के मुंह में ज़रा बराबर भी राशि नहीं मिल पाती है यह सब अडवांस प्लानिंग से होता है और पूंजीपति करोड़ों की जमीन लाखों रूपये में ही प्राप्त कर लेते हैं ..गरीब किसानों सहित देश भर की जनता ने इस पर विरोध जताया खुद राहुल गाँधी और दिग्विजय सिंह को आन्दोलन करना पढ़ा बाबा रामदेव के मुख्य एजेंडे में यही एक महत्वपूर्ण प्रश्न था .सरकार ने कभी इस मामले में गरीब किसान की नहीं सुनी थी लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में उत्तरप्रदेश सहित सभी राज्यों को चोकस कर दिया है के अब गरीबों किसानों की जमीन अधिग्रहण की गयी तो खेर नहीं होगी उसकी समीक्षा की जायेगी अधिग्रण कार्यवाही पर सुप्रीम कोर्ट खुद भोचक्की रही और उसने अपनी टिपण्णी की के आखिर ऐसे मामलों में हम आँख मूंद कर चुप नहीं बेठ सकते इस आदेश के बाद सरकार के दलालों और अधिकारीयों सहित पूंजीपतियों उद्द्योगपतियों को सांप सूंघ गया है ...अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
27 जून 2011
भूमि अधिग्रहण मामलों में सरकार की लुट पर सुप्रीम कोर्ट की रोक ........
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एक सीधा कानून होना चाहिये कि केवल बंजर व सरकारी ज़मीन का ही आवंटन किया जा सकता है न कि अधिगृहीत ज़मीन का
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