मीठी मीठी
सुगन्धित सी
हवा लगी
अभी अभी ,
क्या
आपने
याद किया
हमें अभी अभी ..
हम जानते है
आपसे मिलन हो
हमारा
यह किस्मत तो
हमारी नहीं अभी ..
फिर भी ना जाने क्यूँ
ऐसा लगा
आप मिलकर गए
अभी अभी ...................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
बहुत सुंदर अहसास मुबारक हो
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