जिंदगी चलते रहने का नाम है ...लेकिन रुक रुक कर नहीं ...निरंतर चलते रहने का नाम है... और यह सब सच कर दिखाया है... हमारे राजस्थान की माटी के दांतों के एक हर दिल अज़ीज़ डोक्टर राजेंदर तेला निरंतर ने ..जी हाँ, इन्होने अपना उपनाम अपना तखल्लुस निरंतर इसीलियें रखा है के यह जिंदगी की गाड़ी निरंतर चलाए रखना चाहते हैं ..राजस्थान की पवित्र नगरी जहां ख्वाजा बाबा का दरबार है जहा पुष्कर की धर्म लीला है उसी अजमेर जिले के डोक्टर राजेन्द्र जी आजकल जहां जाइएगा वहां पाइयेगा की तर्ज़ पर हर सांझा ब्लॉग पर बढ़ी खूबसूरती से अपनी उपस्थिति बनाये हुए हैं .........गागर में सागर भर देने का माद्दा रख कर लिखने का साहस करने वाले भाई डोक्टर राजेन्द्र जी का कहना है के उन्हें जिंदगी ,समाज और रिश्तों ने बहुत कुछ सिखाया है वोह जीवन के दोहरे चरित्र से काफी आहत है और उनका कहना है उनके एक मित्र ने जब उनसे लिखते रहने को कहा तो बस वोह निरंतर लिखते रहने के लियें मैदान में आ गये और एक अगस्त २०१० से अपनी कलम के जोहर दिखा रहे हैं ..लेकिन दोस्तों सच तो यह है के भाई डोक्टर राजेन्द्र जी ने हमसे खुद के बारे में बहुत कुछ छुपा रखा है .जब वोह मोसम के बारे में कलम उठाते हैं तो चंद पंक्तियों में ही वोह मोसम के वर्णन को रोमांचक और रुपहला बना देते हैं जब वोह देवी देवताओं से उपासना करते हैं तो उनका अंदाज़ पढने लायक होता है प्यार,तकरार ,वफा,बेवफाई.जिंदगी की आखिर ऐसी कोनसी धड़कन है जिस पर भाई राजेन्द्र ने कलम नहीं चलाई हो .बेजान चीजों में जान भरने वाले यह लेखक चाहे लोगों के खट्टे दांतों को मीठे करते हों .चाहे उनके कीड़े निकाल कर उन्हें चमकदार बनाते हों, लेकिन इस हकीक़त से इंकार नहीं कर सकते ,के वोह खुद भी अल्फाजों के जादूगर है और इसीलियें एक मजमा लगाकर भीड़ जमा करने वाले कलाकार जब लोगों को वोह जोचाहते हैं वोह दिखाने में कामयाब हैं ,जो वोह लोगों को दिखाना चाहते हैं, तो उन्हें जादूगर ही कहते हैं और ऐसे ही अल्फाजों के जादूगर सेकड़ों नहीं हजारों हजार अपनी हिंदी अंग्रेजी कविताओं,.पोयम्स ,अतुकांत कविताएँ ,गज़ल,लघु काव्य कथाओं को लिखकर तेज़ गति से निरंतर हमारे सामने अपनी ब्लोगिग्न के माध्यम से रोज़ पेश करने की कोशिशों में लगे है ...........डोक्टर राजेंदर निरंतर लिखकर अल्फाजों की जादूगरी दिखा रहे हैं और इन दिनों डोक्टर साहब ब्लोगर्स भाइयों के दांत खट्टे करने में लगे हैं इनकी त्वरित और जज्बाती रचनाएँ पढ़ कर लोग दांतों तले अंगुलिया दबा रहे हैं ....भाई राजेन्द्र एक चिकित्सक के साथ साथ कोमन कोज सोसाइटी से जुड़ कर समाज सेवा कार्य भी कर रहे हैं ...इनके सांझा ब्लोगों में ब्लॉग की खबरे ..भारतीय ब्लॉग लेखक मंच ..मुशायरा .प्रगतिशील लेखक संघ ..सहित कई दर्जन सांझा ब्लॉग शामिल हैं जबकि इनके अपने खुद के ब्लॉग .......... निरंतर कह रहा ......अपनी अपनी बातें ...निरंतर की कलम से nirantars प्रमुख है जिनमे जिंदगी के हर लम्हे हर सोच हर जानकारी भरी पढ़ी है ऐसे ब्लोगर को मेरा सलाम .अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)