राजस्थान रेगिस्तान की जानलेवा गर्मी , लू के थपेड़े और बांसवाडा आदिवासी इलाका जहाँ यु पी ऐ की सरदार कोंग्रेस की अधुक्ष विश्व की असरदार महिला सोनिया गांधी ग्रामीणों के लियें आजीविका मिशन की शुरुआत कर रही थीं ............
ग्रामीणों के लियें महा नरेगा. ग्रामीण आजीविका मिशन एक वरदान साबित है और इस योजना को संचालित करने के लियें श्रीमती सोनिया गाँधी ने लू के थपेड़ों के बीच जनता में आने का जो साहस किया है वोह काबिले तारीफ़ है ........सोनिया जी जितनी सख्त हैं उतनी ही भोली भी है शीर्ष स्तर पर बैठकर वोह देश के निवासियों ग्रामीणों और गरीबों के कल्याण की योजनायें बनती है और उसे उनके अपने लोग जो भ्रष्ट तन्त्र में लगे हैं लील जाते हैं ..महा नरेगा के भ्रष्टाचार इसी के उदाहरण हैं ..सरकार ने वेसे तो महानरेगा को कंट्रोल करने के लियें कानून बनाया है के हर जिले में एक कंट्रोल समिति होगी जिसमे वकील.पत्रकार,समाजसेवक.अधिकारी पंच सरपंच रहेंगे लेकिन ताज्जुब है के दो वर्ष गुज़र जाने के बाद भी अफसरशाहों और मंत्रियों ने इन समितियों का गठन नहीं किया है ऐसा इसलियें नहीं किया गया के वोह जानते हैं के अगर स्मितियं गठित हुई तो उनकी भ्रष्टाचार में मनमानी नहीं चलेगी और बस इस निगरानी के आभाव में खुलकर भ्रस्ताचार फेल रहा हैं .अब बताओं सोनिया जी लू के थपेड़े सहकर जनता को कोंग्रेस के पक्ष में कर रही हैं और उनके अपने लोग जो इस आवाज़ को आगे बढ़ाने के काम में लगे है अपने निजी स्वार्थों के लियें कोंग्रेस में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देकर कोड़ में खाज बने हैं ........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
राजा खरा...कोतवाल बुरा...
जवाब देंहटाएंजरा और गहराई में जाने की जरूरत लगती है जी...
बेहतर...
सटीक चिंतन।
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कौमार्य के प्रमाण पत्र की ज़रूरत?
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