रंग रंगीली दुनिया की, सरताज है, मीनाक्षी पन्त ,यह बात सभी ब्लोगर जानते हैं ..जो भी मीनाक्षी पन्त की रचनाये, ब्लॉग पर देखते हैं, उन्हें पढ़ते हैं ,,वोह खुद बा खुद समझ जाते है, के सच मीनाक्षी जी ने तो इस ब्लोगिंग की दुनिया को जिंदगी के हर सुख दुःख के रंग से रंग रंगीली बना डाला है ,इनके अपने स्वतंत्र विचार हैं तो मीनाक्षी जी कुछ यहाँ वहां की बात भी करती है इतना ही नहीं मीनाक्षी जी............ एक नज़र इधर भी जब चलाती है तो बस लोग देखते और पढ़ते ही रह जाते हैं .
भारत का दिल दिल्ली की धडकन बनी मीनाक्षी पन्त अगस्त २०१० से ब्लोगिंग की दुनिया में है और पहली कुछ पोस्टें इन्होने अंग्रेजी में ही लिखी है यानी लिपि अंग्रेजी और भाव हिंदी के थे इस विधा के बाद मीनाक्षी जी ने जब ब्लोगिंग पर लिखना शुरू किया तो चाँद,सूरज.जमीन,आसमान,मिटटी,सोना,चांदी,इन्सान,जानवर,जज्बात ,कुल मिलाकर कोई ऐसा विषय नहीं बचा जिसपर मीनाक्षी जी ने अपनी ब्लोगिंग नहीं की हो मीनाक्षी ने चाहे वारिश हो चाहे मोसम हो चाहे फुल पत्तियाँ हो जिस पर भी कलम उठायी उस विषय को ज़िंदा बना दिया उसमे धडकन डाल दी और आज इसीलियें रंग रंगीली दुनिया के मीनाक्षी पन्त सरताज बन गयी है इनकी रचनाओं का लोगों को इन्तिज़ार ही इन्तिज़ार रहता है ..........
मीनाक्षी पन्त ने दुनिया रंग रंगीली के साथ साथ एक नज़र इधर भी के शीर्षक से ब्लोगिंग की है दुसरा इनका अपना ब्लॉग कुछ यहाँ वहां की है जिसमे मीनाक्षी जी ने साँसे भर कर बेजान अक्षरों को धड़कना सिखा दिया जीव और निर्जीव लोगों के अन्दर के भाव शब्दों के माध्यम से मीनाक्षी जी ने जिस तरह से पेश किये हैं वोह हर शख्स के लिए आम हो गए है और हर इंसान इन रचनाओं में अपनी जिंदगी का सच अपना सुख अपना दर्द तलाशता नज़र आता है .................... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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