भोपाल ग्यारह मिनट में ग्यारह साल का मोल तबाह करने की एक ऐतिहासिक घटना हुई है .जी हाँ राजनितिक दाव पेंच के चलते भोपाल में जब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह पहुंचे तो उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल में बने सिटी मोल जो ग्यारह साल से चल रहा था मध्य प्रदेश सरकार ने अचानक गेर्कानुनी सरकारी जमीन पर बना हुआ घोषित किया कड़े पुलिस के पहरे में इस बहु मंजिली करोड़ों करोड़ रूपये के बने इस मोल को बम ब्लास्ट कर सरकार ने ढेर कर मलवे में बदल दिया ....मुंबई में दाउद इब्राहीम की सम्पत्ति को उढ़ाने के बाद यह देश की पहली बढ़ी घटना है जिसमें करोड़ों करोड़ लोगों रूपये की कई सालों से चल रही इस इमारत को इस बेरहमी से धराशायी कर दिया है .
सरकार चाहती तो इस मोल को जब्त कर राजसात कर लेती इसमें सरकारी कार्यालय खोल लेती या फिर कोई स्कुल कोलेज वगेरा खोल कर जनता को लाभ पहुंचा सकती थी लेकिन सरकार का मकसद मोल के मालिक और दुकानदारों को नुकसान पहुचा कर एक बढ़ा सबक सिखाना था वरना जनता के हित में सरकार अगर काम करती तो आज मोल आम जनता के हाथो में किसी कल्याणकारी कार्य के लियें काम में आ रहा होता लेकिन राजनीतिक इस लड़ाई में जनता का तो बस ऐसा ही हाल होता है ....................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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