आज यह क्या हुआ है
उसके यूँ ही रस्मन साथ की
जो बात मेने कही है
उन्हें बस फिर से यही बुरा लगा है
इलाही अब तो तू ही बता
क्या सच है क्या है झूंठ
बस एक ही इल्तिजा है
ज एतराज़ उन्हें है
के उनका मेरे साथ कोई रस्मन
कोई दिखावे का रिश्ता नहीं
बस खुदाया अगर दिल में है यही उनके
तो इस करिश्मे को तू
पांच जुलाई से पहले सच कर दिखा ..सच कर दिखा
अगर ऐसा हो जाए तो मेरी
उखड्ती साँसों को यूँ ही फिर से
नयी जिंदगी मिल जाए
आंसू जो मेरे है
उन्हें फिर से कोई यूँ ही
पोंछने वाला मिल जाए
इलाही तू बस फिर से
पांच जुलाई के पहले
इस पुराने सालगिरह वाले जज्बे को
ज़िंदा करके दिखा ..........
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
यह पांच जुलाई की बात समझ में नहीं आयी
जवाब देंहटाएंpanch july se पहले आपकी duaa jaroor kabool ho ऐसी प्रभु se prathna hai .
जवाब देंहटाएं५ जुलाई को क्या है भैया?
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण रचना अभिव्यक्ति...बधाई
जवाब देंहटाएंजो बात मेने कही है
जवाब देंहटाएंउन्हें बस फिर से यही बुरा लगा है
५ जुलाई को क्या है