आपका-अख्तर खान

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21 मई 2011

नहीं समझ पा रहा है ......

उडती हुई 
चिड़ियों के 
कल 
जो गिन लिया करता था पंख ..
चिड़ियों की चहचहाहट से 
समझ लिया करता था जो उनकी बातें 
आज उसे देख लो 
उसके आंसू,उसके दुःख तकलीफ 
कोई भी तो 
नहीं समझ पा रहा है ............
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान  

2 टिप्‍पणियां:

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