सरकार का पेट्रोल बढ़ोत्तरी का जनता को तोहफा अजीब सा लगा है कुछ है के कहते हैं के सरकार पर तो सो रूपये लीटर पेट्रोल करने का दबाव था लेकिन पेट्रोल है के केवल पांच रूपये हीबढ़ाया ..कुछ कहते है के सरकार चाहती तो पेट्रोल ही नहीं बढ़ता इससे देश की आर्थिक स्थिति और देनिक जीवन के हालचाल बिगड़ जायेंगे ..सब जानते हैं के सरकार पेट्रोल पर मनमाना टेक्स वसूल कर अपने एशो आराम के सामन तलाशती है .पहले देश में संवेदन शील सरकार थी इंदिरा जी ..नेहरु जी ..राजिव जी ने पेट्रोल को नियंत्रित रखा और अगर भाव बढ़े भी तो जनता पर दबाव नहीं दिया लेकिन अब भाजपा हो चाहे कोंग्रेस जनता के पीछे लट्ठ लेकर पढ़ गयी है और जनता का बजट दुद्ध .पेट्रोल.बिजली और पानी में ही खत्म हो जाता है तो बताओ दोस्तों जो सरकार ऐसी हालत में भी पेट्रोल पर टेक्स वसूलती रहे और मूल्य नियंत्रित नहीं करे तो फिर बताओ ऐसे सरकार का क्या करे कोई ................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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