केसे कहें
क्या करें
इन दिनों तो
बस यूँ ही
डर लगता है
किसी को
अपना बनाने में
डर लगता है
किसी से किये गए
वायदे निभाने में
मुझे
यूँ बेवफा
ना समझना ऐ दोस्त
तुम तो जानते हो
जिंदगी फना होजाती है
दोस्तों से
किये गए
वायदे निभाने में
इसलियें कहता हूँ
बस और बस
इन्तिज़ार करो ..............
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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