- ब्लोगिंग की दुनिया के,एक यायावर ,घुमक्कड़, प्रशिक्षक है भाई ललित शर्मा ,,, क्या इस बात को आप लोग जानते हैं, नहीं ना ,जी हाँ,ब्लोगिंग की दुनिया की,, ,हर डाल पर फुदक फुदक कर ,,चहकने और दिलों में प्यार के तराने पैदा करने वाली इस शख्सियत को ,लोग अब घुमक्कड़ भाई साहब के नाम से ,,,,,,, पहचानने लगे हैं ...........आप,घुमक्कड़ भाई साहब,,इन दिनों दिल्ली की ब्लोगिंग सम्मलेन से फुदक कर, सीधे हिमाचल में चले गए है, वहां बैठकर आप जनाब हिंदी ब्लोगिंग के टिप्स बाँट रहे हैं ..हाल ही में,, हिंदी भाषा और न्यू मिडिया ,,विषय पर इन ज्ञानी जी ने ,हिमाचल विश्व विद्द्यालय में ब्लोगिंग और हिंदी के बारे में जब छात्र छात्राओं को बताया तो सभी इन के फेन हो गए, और फिर आप स्मार्ट तो हैं ही ,मुछों से फोजी और रोबीला चेहरा ,जो इन्हें और स्मार्ट बना रहा है ,गोरा रंग, खुबसूरत इकहरा फ़िल्मी हीरो सा बदन और फिर रहन सहन की हीरो स्टाइल ,अन्दर से साफ़ सुथरा मन, बेदाग़ छवि ,ना काहू से दोस्ती ना काहू से बेर,का स्वभाव सभी के मददगार ,मधुरवाणी ,भाई ललितजी की खूबियों ने इन्हें बस एक इंसान के रूप में ब्लोगिंग की दुनिया का हर दिल अज़ीज़ गाइड मास्टर प्रशिक्षक बना दिया है ...................१५ सितम्बर २००९ हिंदीदिवस से आपने हिंदी ब्लॉग ललित डोट कोम की पहली पोस्ट भाई ललित ने हिंदी दिवस को समर्पित कर लिखी थी ,जब सेकड़ा पोस्ट हुई तो बस इन जनाब ने फिर हिंदी ब्लोगिंग के बारे में ही लिखना मुनासिब समझा और लिख डाला, .ब्लोगिग्न में भाई ललित कभी अकेले नहीं चले,इन्होने मनमानी नहीं, की ब्लॉग पर वोह लिखा जो साथियों ने पढना चाहा ,,,जो साथियों को अच्छा लगा ,साथी ब्लोगर के लियें उपयोगी रहा ,और इसीलियें भाई ललित जी ब्लोगिंग के पहले ऐसे ब्लोगर बने हैं जो शायद खुद सभी ब्लोगरों से सीधे सम्पर्क में बने हैं ...इनकी लाइफ स्टाइल शिक्षाविद होते हुए भी फोजी है जहां चाहे उठे और चल दिए ,जब चाहा जहां पढाव डाल लिया, और एक जासूस की तरह से जहां गए वहां के हालातों का जायजा लिया ,और ब्लोगिंग कर डाली ,बस इसीलियें भाई ललित जीवन्त ब्लोगिग्न करने वाले ब्लोगर भी बन गए है, जो होता है यह वही लिख रहे है, जो नहीं है जिसकी कल्पना की जाती है ,उसे भाई ललित बचते रहे हैं अमनपुर छत्तीसगढ़ के बाशिंदे भाई ललित की ब्लोगिग्न की सुगंध पुरे देश में खुशबु फेला रही है ..अपने परिचय के बारे में भाई ललित शर्मा जी बताते है के में अपना परिचय क्या दूँ ....में तो अपना नेह भरी जल की बदरी हूँ ....किसी पथिक की प्यास बुझाने कुँए में बंधी हुई गगरी हूँ ....मीत बनाने जग में आया मानवता का सजग प्रहरी हूँ ....हर द्वार खुला जिसके घर का सबका स्वागत करती नगरी हूँ ......कहने को तो यह शब्द हैं ,लेकिन इन शब्दों में भाई ललित शर्मा जी का स्वभाव ,उनके अन्दर का आदमी उजागर हुआ है और वोह इस कसोटी पर खरे भी उतरे हैं ...भाई ललित वेदों के शोकिन रहे हैं और इसीलियें उनकी लेखनी में वैदिक ज्ञान का अभाव अवश्य रहता है ..शिल्पकार के मुख से .........अखिल ब्रह्मण ब्लोगर संगठन ....एक लोहार की .....चलती का नाम गाडी ........पिता जी......................चर्चा पान की दूकान पर .......... ब्लोग४ वार्ता..भारतीय ब्लॉग लेखक मंच ......ललित डोट कोम ..........अड़हां के गोठ......ललित वाणी ......चिट्ठाकार चर्चा और ना जाने कितने ब्लॉग है जिनके हजारों हजार रीडर और प्रशंसक है इनकी हर लेखनी सो सुनार की एक लुहार की होती है लेकिन इनका एक शोक एक पसंद अगर देखना हो तो अड़हां के गोठ हिंदी ब्लॉग पर एक गगरी झलकाती घांस ले जाती लडकी का फोटू देख कर आप खुद ही समझ जायेंगे के भाई ललित एक अच्छे ब्लोगर के साथ शोख मिजाज़ भी है और इसीलियें आप अपने साथ गुज़रे हर हसीन लम्हे को सभी ब्लोगर्स से बांटते है ऐसे भाई ललित जी को एक छोटे भाई का नमस्कार .............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
06 मई 2011
ब्लोगिंग की दुनिया के एक यायावर घुमक्कड़ प्रशिक्षक है भाई ललित शर्मा
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Oh! Akhatar bhai, Apne mujh akinchan ki itni tarif kar di.
जवाब देंहटाएंApaka lekhan Dhoni ke balle se nikalte huye hai rano ki bauchhar jaisa hai. jis par sabhi ko aanand aata hai.
Shigra hi milte hain.