इन्डियन ब्लोगिंग में ७८ वीं रेंक लेकर ब्लोगिग्न में प्रमुख स्थान प्राप्त करने वाली पाखी एक तेज़ तर्रार लेखिका और वक्ता श्रीमति आकांक्षा के गर्भ में पली और शायद अभिमन्यु की तरह ही उन्होंने गर्भ में ब्लोगिग्न का पाठ पढ़ डाला, उनके पिता किशन कुमार जो एक बहतरीन ब्लोगर हैं और माँ व् पिता शब्द शिखर , शब्द सर्जन की और , डाकिया डाक लाया ,बाल दुनिया , सप्तरंगी प्रेम,, उत्सव के रंग में पाखी के बचपन के अनुभवों को ब्लोगरों से शेयर कर रहे हैं इनके आचार विचार और सुझाव इस ब्लोगिंग की दुनिया को हसीन बना रहे है ,अभी केवल एल के जी में पढ़ रही एक छोटी सी मुन्नी से बच्ची पाखी की की ब्लोगिंग को देखें तो आँखें चकित रह जाती हैं और मन सोचने लगता है ,,,,,,,,,,,,,कोई काम नहीं है मुश्किल जब किया इरादा पक्का .....पाखी देश का ही नहीं विश्व का ऐसा नाम जिसके माता पिता भी पाखी के विचारों पर ब्लोगिग्न कर रहे हैं और ब्लोगिंग की दुनिया इस पाखी से प्रभावित है ,अभी पिछले दिनों एक मुख्यमंत्री ने जब पाखी को सबसे छोटी ब्लोगेर का अवार्ड दिया, तो पाखी के माता पिता का सीना गर्व से चोडा हो गया, लेकिन हम भी पाखी के अंकल हैं उसकी छोटी बहन तानवी के अंकल हैं, हमारा भी सीना गर्व से चोडा हुआ जाता है और मन करता है के पंख लगाकर उढे पोर्टब्लेयर पहुंचे ,और बिटिया पाखी को गोद में लेकर ढेर सारा प्यार कर ढेर सारा आशीर्वाद देकर वापस लोट जाएँ और कह दे के ब्लोगिंग की दुनिया की अभिमन्यु पाखी हमारी ब्लोगिंग की आन बान शान है ............................ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
05 मई 2011
लेखन की अभिमन्यु अक्षिता उर्फ़ पाखी को मेरा सलाम
इन्डियन ब्लोगिंग में ७८ वीं रेंक लेकर ब्लोगिग्न में प्रमुख स्थान प्राप्त करने वाली पाखी एक तेज़ तर्रार लेखिका और वक्ता श्रीमति आकांक्षा के गर्भ में पली और शायद अभिमन्यु की तरह ही उन्होंने गर्भ में ब्लोगिग्न का पाठ पढ़ डाला, उनके पिता किशन कुमार जो एक बहतरीन ब्लोगर हैं और माँ व् पिता शब्द शिखर , शब्द सर्जन की और , डाकिया डाक लाया ,बाल दुनिया , सप्तरंगी प्रेम,, उत्सव के रंग में पाखी के बचपन के अनुभवों को ब्लोगरों से शेयर कर रहे हैं इनके आचार विचार और सुझाव इस ब्लोगिंग की दुनिया को हसीन बना रहे है ,अभी केवल एल के जी में पढ़ रही एक छोटी सी मुन्नी से बच्ची पाखी की की ब्लोगिंग को देखें तो आँखें चकित रह जाती हैं और मन सोचने लगता है ,,,,,,,,,,,,,कोई काम नहीं है मुश्किल जब किया इरादा पक्का .....पाखी देश का ही नहीं विश्व का ऐसा नाम जिसके माता पिता भी पाखी के विचारों पर ब्लोगिग्न कर रहे हैं और ब्लोगिंग की दुनिया इस पाखी से प्रभावित है ,अभी पिछले दिनों एक मुख्यमंत्री ने जब पाखी को सबसे छोटी ब्लोगेर का अवार्ड दिया, तो पाखी के माता पिता का सीना गर्व से चोडा हो गया, लेकिन हम भी पाखी के अंकल हैं उसकी छोटी बहन तानवी के अंकल हैं, हमारा भी सीना गर्व से चोडा हुआ जाता है और मन करता है के पंख लगाकर उढे पोर्टब्लेयर पहुंचे ,और बिटिया पाखी को गोद में लेकर ढेर सारा प्यार कर ढेर सारा आशीर्वाद देकर वापस लोट जाएँ और कह दे के ब्लोगिंग की दुनिया की अभिमन्यु पाखी हमारी ब्लोगिंग की आन बान शान है ............................ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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आपके इस स्नेह और आशीष के लिए आभारी हूँ. इस पोस्ट को साभार 'पाखी की दुनिया' पर भी प्रकाशित किया गया है.
जवाब देंहटाएंवाह पाखी के तो जलवे हैं. आखिर सबकी लाडली ब्लागर जो हैं.मुबारकवाद.
जवाब देंहटाएंअख्तर जी, पाखी के बारे में आपने सटीक लेखनी चलाई. आपको भी मुबारकवाद.
जवाब देंहटाएंलेखन की अभिमन्यु अक्षिता उर्फ़ पाखी को हमारा भी सलाम अर्ज़ है.
वाकई हैरानी की ही बात है. इसे कहते हैं पूत के पांव पालने में. नन्हीं अक्षिता को बधाई. यूँ ही तरक्की करो आप.
जवाब देंहटाएंके.के. जी और आकांक्षा जी ने बिटिया पाखी को जो संस्कार और परिवेश दिया है, वाकई अनुकरणीय है. उन्हें श्रद्धावत नमन. .
जवाब देंहटाएंपढ़कर सीना गर्व से चौड़ा हो गया. आखिर हमने पाखी को तब साक्षात् देखा है, जब वह मात्र ६ दिनों की थी, फिर तो कई बार मुलाकात हुई. ..ह्रदय का हर कोना जी भर कर आशीर्वाद दे रहा है पाखी को.
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