लेखन की अभिमन्यु अक्षिता उर्फ़ पाखी को मेरा सलाम अर्ज़ है,जी हाँ ,एक छोटी सी एल के जी की, मासूम सी बच्ची ,जिसके हंसने खेलने के दिन हो ,जिस उम्र के बच्चों को लोग सेंसलेस कहते हैं व्ही बच्चा अगर अपनी लेखनी ,अपने विचारों से, विश्व की बेस्ट ब्लोगर अवार्ड प्राप्त करले, तो बस ख़ुशी से सीना चोडा हो जाता है .....
अक्षिता उर्फ़ पाखी का जन्म २५ मार्च को हुआ वोह वर्तमान में पोर्टब्लेयर अंडमान में रह रही हैं कहते हैं के अंग्रेजों के वक्त पर अंडमान निकोबार की एक जेल जहां लोगों को काले पानी की सजा देकर प्रताड़ित किया जाता था और अंडमान निकोबार केवल इसी जेल के लियें प्रसिद्ध थी लेकिन आज अंडमान निकोबार को पोर्टब्लेयर को मासूम पाखी पर गर्व होने लगा है और अतर्राष्ट्रीय ब्लोगिंग की दुनिया अब अक्षिता उर्फ़ पाखी के नाम से जानी जाने लगी है ..................इन्डियन ब्लोगिंग में ७८ वीं रेंक लेकर ब्लोगिग्न में प्रमुख स्थान प्राप्त करने वाली पाखी एक तेज़ तर्रार लेखिका और वक्ता श्रीमति आकांक्षा के गर्भ में पली और शायद अभिमन्यु की तरह ही उन्होंने गर्भ में ब्लोगिग्न का पाठ पढ़ डाला, उनके पिता किशन कुमार जो एक बहतरीन ब्लोगर हैं और माँ व् पिता शब्द शिखर , शब्द सर्जन की और , डाकिया डाक लाया ,बाल दुनिया , सप्तरंगी प्रेम,, उत्सव के रंग में पाखी के बचपन के अनुभवों को ब्लोगरों से शेयर कर रहे हैं इनके आचार विचार और सुझाव इस ब्लोगिंग की दुनिया को हसीन बना रहे है ,अभी केवल एल के जी में पढ़ रही एक छोटी सी मुन्नी से बच्ची पाखी की की ब्लोगिंग को देखें तो आँखें चकित रह जाती हैं और मन सोचने लगता है ,,,,,,,,,,,,,कोई काम नहीं है मुश्किल जब किया इरादा पक्का .....पाखी देश का ही नहीं विश्व का ऐसा नाम जिसके माता पिता भी पाखी के विचारों पर ब्लोगिग्न कर रहे हैं और ब्लोगिंग की दुनिया इस पाखी से प्रभावित है ,अभी पिछले दिनों एक मुख्यमंत्री ने जब पाखी को सबसे छोटी ब्लोगेर का अवार्ड दिया, तो पाखी के माता पिता का सीना गर्व से चोडा हो गया, लेकिन हम भी पाखी के अंकल हैं उसकी छोटी बहन तानवी के अंकल हैं, हमारा भी सीना गर्व से चोडा हुआ जाता है और मन करता है के पंख लगाकर उढे पोर्टब्लेयर पहुंचे ,और बिटिया पाखी को गोद में लेकर ढेर सारा प्यार कर ढेर सारा आशीर्वाद देकर वापस लोट जाएँ और कह दे के ब्लोगिंग की दुनिया की अभिमन्यु पाखी हमारी ब्लोगिंग की आन बान शान है ............................ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
आपके इस स्नेह और आशीष के लिए आभारी हूँ. इस पोस्ट को साभार 'पाखी की दुनिया' पर भी प्रकाशित किया गया है.
जवाब देंहटाएंवाह पाखी के तो जलवे हैं. आखिर सबकी लाडली ब्लागर जो हैं.मुबारकवाद.
जवाब देंहटाएंअख्तर जी, पाखी के बारे में आपने सटीक लेखनी चलाई. आपको भी मुबारकवाद.
जवाब देंहटाएंलेखन की अभिमन्यु अक्षिता उर्फ़ पाखी को हमारा भी सलाम अर्ज़ है.
वाकई हैरानी की ही बात है. इसे कहते हैं पूत के पांव पालने में. नन्हीं अक्षिता को बधाई. यूँ ही तरक्की करो आप.
जवाब देंहटाएंके.के. जी और आकांक्षा जी ने बिटिया पाखी को जो संस्कार और परिवेश दिया है, वाकई अनुकरणीय है. उन्हें श्रद्धावत नमन. .
जवाब देंहटाएंपढ़कर सीना गर्व से चौड़ा हो गया. आखिर हमने पाखी को तब साक्षात् देखा है, जब वह मात्र ६ दिनों की थी, फिर तो कई बार मुलाकात हुई. ..ह्रदय का हर कोना जी भर कर आशीर्वाद दे रहा है पाखी को.
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