राजस्थान मदरसा बोर्ड सियासत के दंगल में फंस गया है यहाँ राजस्थान के मुस्लिम बच्चों में साक्षरता का प्रतिशत बढाने के लियें केंद्र सरकार की योजना से मदरसा बोर्ड का अग्थान किया आज्ञा था जिसका एक चेयरमेन बनाया जाता है लेकिन कोंग्रेस शासन में लगभग ढाई वर्ष गुजरने पर भी आज तक कोई अध्यक्ष नियुक्त नहीं किया गया है और स इयासत पर सियासत चल रही है .
राजस्थान मदरसा बोर्ड में साउद अख्तर जो केवल एक अध्यापक और निजी संस्था में काम करने वाले रहे हैं उन्हें सचिव और के के शर्मा आर ऐ एस को अध्यक्ष बनाया है लेकिन राजनितिक नियुक्ति अभी तक नहीं की गयी है इसिस्लियें अधिकारियों की बन्दरबांट इस मदरसे बोर्ड में तेज़ी से चल रही है नियुकित्यों में चोर दरवाजे से अपने लोगों को घुसाने के लियें कुरान की शिक्षा और उर्दू के जानकार नहीं होने पर भी मदरसों में पढ़ने के लियें शिस्क्हक और कम्प्यूटर ऑपरेटरों को नियुक्त किया जा रहा है मनमाने तोर पर सिलेबस तय्यार किया गया है पुस्तक पाठ्यक्रमों में पुराने चेयरमेन जो भाजपा कार्यकाल के थे उनकी ही तस्वीर छपवाकर किताबें प्रकाशित करवाई गयी हैं .
रह्स्थान में मदरसे बोर्ड का यह हाल देख कर राजस्थान के मुस्लिम दुखी हैं जबकि मुस्लिम लीडर जो मुस्लिमों की हिफाज़त और कल्याण की बात करते हैं वोह खुद राजनितिक नियुक्ति पाने के लियें मुख्यमंत्री के यहाँ लाइन में लगे हैं और यह सभी ज़ुल्म होता हुआ देख कर चुप बेठे हैं अगर उन्हें कोंग्रेस ने पद नहीं दिया तो यही लोग जो अभी मुस्लिमों से दूर हैं खुद को मुसलमान बनाकर मुस्लिम राजनीति में उभर कर आजायेंगे कुल मिलकर राजस्थान सरकार ने इस गम्भीरता पर ध्यान नहीं दिया तो मदरसा शिक्षा पिछड़ जायेगी और साक्षरता का प्रतिशत और कम होता जाएगा . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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