किसी शहर में मनमानापन,मोजमस्ती हो और अधिकारी नियमानुसार काम नहीं करें जनता पर मुकदमों का बोझ हो समस्या का समाधान हो कोई सामान्य जिला हो तो कोई बात नहीं लेकिन अगर यह गृह क्षेत्र खुद मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार अशोक गहलोत का हो तो इस बहाली को देख कर जनता तो क्या हाईकोर्ट को भी चीख कर टिका टिपण्णी करने को मजबूर हो जाना पढ़ता है.
दोस्तों जोधपुर आदरनीय मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार का गृह जिला है सब जानते हैं यहाँ उन अधिकारीयों को नियुक्त किया जाता है जो खुद मुख्यमंत्री के वफादार और दुसरे अधिकारीयों से समझदार हों लेकिन इन अधिकारीयों के काम काजा के तोर तरीकों से विपक्ष और जनता तो क्या खुद हाईकोर्ट संतुष्ट नहीं है, कल जोधपुर में निर्धनों को न्याय विषय पर बोलने के लियें जब जस्टिस डोक्टर विनीत कोठारी खड़े हुए तो उन्होंने हाईकोर्ट की पत्रावलियों में जोधपुर के अधिकारीयों की जो मनमानी देखी वोह सब जनता से शेयर कर डाली डोक्टर कोठारी ने कठोर लहजे में कहा यह क्या हो रहा है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले के अधिकारीयों का यह हाल हे तो फिर दुसरे इलाकों का क्या हाल होगा हाईकोर्ट जज साहब का कहना था के हम गरीबों को न्याय की बात करते हैं लेकिन हमारे राजस्थान में खुद जोधपुर में ७० फीसदी मुकदमे अधिकारीयों और सरकार की लापरवाही के कारण ही चल रहे हैं . अब माई लोर्ड खुद इस सरकार की न्यायिक निति और अनावश्यक मुकदमे बाज़ी की परम्परा से परेशान हों तो फिर आम जनता का क्या होगा सोच लो जनाब ......... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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