दोस्तों नो दिन की अटूट तपस्या ,अराधना,त्याग,और व्रत उपवास के बाद जब सभी का मन निर्मल पाप मुक्त और विकार मुक्त हो गया है तब आज रामनवमी यानी मर्यादा पुरुषोत्तम राम जी का त्यौहार जियो और जीने दो के सिद्धांतवादी ,भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने वाले एक अलग मर्यादित पुरुषोत्तम राम के इस त्यौहार राम नवमी पर सभी को हार्दिक बधाई ,दिली मुबारकबाद .
भाइयों जरा हम सोचे जरा हम समझें जरा हम आत्मचिंतन करे पिता के एक वचन के लियें जिसने सोतेली माँ का सम्मान करते हुए अपनी जिंदगी में गुज़री हो ,जिसके पास असीम शक्ति हो और उसने समुंदर को अपने तीर से सुखाने की जगह उस पर पुल बनाया हो जिसने पाप मुक्त समाज दिया हो बुराई पर विजय प्राप्त की हो क्या हम ऐसे मर्यादित पुरुषोत्तम राम को पूजनीय और वन्दनीय मानते हैं हम कलेजे पर हाथ रख कर देखे उनकी कोंसी शिक्षा है जिसका हम पालन कर रहे हैं क्या हम मर्यादित हैं क्या हमें इन हालातों में जब मुंह में राम बगल में छुरी है तब राम जी का भक्त कहा जाना चाहिए आखिर हमारे कर्म रावण की तरह और पूजा राम जी की क्या इन हालातों में हमे सच्चा रामभक्त बनने के लियें भूख ,गरीबी,बुराई ,भ्रस्ताचार के खिलाफ जंग नहीं लड़ना चाहिए बुराई को नहीं जितना चाहिए अच्छाई को उजागर नहीं करना चाहिए अगर हाँ तो उठो दोस्तों रामजी के दिखावटी भक्त बन कर मन में जो रावण बेठा हे उसका वध करो और आजाओ देश में एक बार फिर भ्रस्ताचार मुक्त रामराज्य स्थापित करने का संकल्प लेकर ताकि मेरा देश मर्यादा पुरुषोत्तम रामजी का यह देश फिर से गर्व से कह सके मेरा भारत महान मेरा भारत महान ... एक बार फिर रामनवमी की सभी भक्तजनों को हार्दिक बधाई . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
अति सुन्दर
जवाब देंहटाएंचोरी हो गई चोरी. आपके शब्दों की चोरी कर ली मैंने भाई साहब जी, चोरी करके ही अपने ब्लॉग पर www.shakuntalapress.blogspot.com पर सार्वजनिक भी कर रहा हूँ. चोरी का केस आप कोटा में डालेंगे या दिल्ली में. इसकी सूचना ईमेल पर भेज देना. चोरी का मुख्य कारण आपकी उपरोक्त पोस्ट में जनहित को संदेश और आज तक आपका "शकुन्तला प्रेस ऑफ़ इंडिया प्रकाशन" परिवार के इन्टरनेट संस्करण का निवेदन स्वीकार न करना और एक भी देशहित व जनहित हेतु उपरोक्त ब्लॉग हेतु पोस्ट प्रकाशित के लिए नहीं भेजना. यह था आपका जुर्म. आपके लेख की हमने चोरी कर ली है. यह है हमारा जुर्म. सजा जो आप देना चाहे.
जवाब देंहटाएंभ्रष्टाचारियों के मुंह पर तमाचा, जन लोकपाल बिल पास हुआ हमारा. जन लोकपाल बिल को लेकर सरकार की नीयत ठीक नहीं लगती है.अब लगता है इन मंत्रियों को जूता-चप्पल की भाषा समझ आएगी. हमें अपने अधिकारों लेने के लिए अब ईंट का जवाब पत्थर से देना होगा.
महत्वपूर्ण सूचना:-अब भी समाजसेवी श्री अन्ना हजारे का समर्थन करने हेतु 022-61550789 पर स्वंय भी मिस्ड कॉल करें और अपने दोस्तों को भी करने के लिए कहे
rmesh bhaai nye andaaz ki nyi tippni ke liyen shukriyaa lekin bhaai chori to us chiz ki hoti he jo apni nhin hoti lekin bhaai hm or hmara jo kuchh bhi he sb aapka apnaa hai isliyen chori ka svaal hi nhin uthtaa haan jhaan tk svaal hmaare jurm ki he uske leiyen hm maafi chaahte hain shikaayt jld dur hogi . akhtar khan akela kota rajsthan
जवाब देंहटाएंअख्तर खान 'अकेला' जी, आपकी टिप्पणी का संपादन भी कर दिया है क्योंकि आपका छोटा भाई हिन्दीप्रेमी जो है. इस सन्दर्भ में मेरे विचार निम्नलिखित है.
जवाब देंहटाएंअगर आप सच में भारत देश के प्रति ईमानदार है और देश से भ्रष्टाचार मिटाना चाहते हैं. भ्रष्टाचार से मुक्त भारत देश को बनाने के लिए हम क्यों भाषा भी विदेशी का प्रयोग करना पड़ रहा है. राष्ट्र के प्रति हर व्यक्ति का पहला धर्म है अपने राष्ट्र की राष्ट्रभाषा का सम्मान करना. अंजाने में हुई किसी प्रकार की गलती के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ.
रमेश भाई नये अंदाज़ की नई टिप्पणी के लिए शुक्रिया. लेकिन भाई चोरी तो उस चीज़ की होती हैं.जो अपनी नहीं होती.इसलिए भाई हम और हमारा जो कुछ भी हैं सब आपका अपना है. इसलिए चोरी का सवाल ही नहीं उठता. हाँ, जहां तक सवाल हमारे जुर्म का हैं. उसके लिये हम माफ़ी चाहते हैं. शिकायत जल्द दूर होगी.अख्तर खान 'अकेला',कोटा(राजस्थान)