आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

03 अप्रैल 2011

क्रिकेट में खिलाड़ियों ने किया सर उंचा तो समाजकंटकों ने किया देश को शर्मसार

दोस्तों यह हिन्दुस्तान हे ,मेरा भारत महान हे यहाँ भाई चारा सद्भावना इस देश की पहचान इस देश की जान हे अगर मानवता इस देश के लोगों में नहीं तो विश्व स्तर पर यह देश बेजान हे लेकिन भारत पाक मेच के दिन की एक घटना ने मुझे इस मानवता पर गम के साथ आंसू बहाने पर मजबूर कर दिया हे और यह बिमारी जो  हमारे देश में कुछ लोगों की ताकत और बहुत बहुत लोगों की चुप्पी कमजोरी के कारण कोढ़ में खाज की तरह बनती जा रही हे इसे हमें रोकना होगा और इसीलियें यह घटना में आप लोगों से शेयर कर रहा हूँ ..............
दोस्तों में जब छोटा था तो हमारे एक पड़ोसी राजपूत अंकल जिन्हें उनका कुत्ता बहुत प्रिय था वोह जब कटकना  हो गया हडकिया हो गया आते जाते को काटने लग गया तो इन अंकल ने बंदूक उठायी उसे कार में बिठाया उनके पुत्र का में मित्र था में भी उनके साथ हो लिया हम जंगल में गये उन्होंने कुत्ते को बाहर निकाला और फिर धाय धाय उस पर गोली दाग दी कुत्ता ढेर हो गया मेने अंकल से डरते डरते कुत्ते को मारने का कारण पूंछा तो उनका जवाब था जब कोई भी जीव मानवता का दुश्मन हो जाए तो उसे मार देना चाहिए ताकि मानवता की सुरक्षा हो सके मेने दुसरा सवाल किया यह कुत्ता तो अच्छी नस्ल का था फिर भी उनका कहना था नस्ल से कुछ नहीं होता शेतान हर नस्ल में होता हे बिमारी हर नस्ल में होती हे और जो शान्ति अमन सद्भाव       के लियें खतरा हो उनको मार  देना ही अच्छा हे इन फोजी राजपूत अंकल ने इतनी देर में पास के बिल में से निकलते एक काले सांप पर भी गोली चलाई और वोह भी मर गया उस वक्त इन फोजी राजपूत अंकल की बात मेरे समझ में नहीं आई थी लेकिन कल भारत पाक मेच के बाद इन्दोर से लोटने के बाद जब एक घटना मुझे हमारे पड़ोसी ने सुनाई तो मुझे यह घटना याद आ गयी .
जी हाँ दोस्तों जो घटना मुझे सुनाई गयी वोह देश को शर्मसार करने का प्रयास कुछ समाज कंटकों का  था और इसीलियें इस घटना को सुन कर जितनीं ख़ुशी मुझे भारत के क्रिकेट चेम्पियन बनने की हुई उससे कहीं  ज्यादा दुःख इस घटना पर हुआ ........हमारे पड़ोसी अंकल के  दादा ससुर इन्दोर में केंसर पीड़ित हें उन्हें चिकित्सकों ने अंतिम अवसर का केंसर बताया और कहा के इन्हें घर ले जाओ वहां जितनी इनकी खिदमत हो सके करो पड़ोसी अंकल अपने बीवी बच्चों के साथ इन्दोर और फिर इन्दोर के अस्पताल पहुंचे उस दिन रात को भारत ने पाक को रोंद कर कीर्तिमान बनाया था जीत का नशा भारतीयों पर था लेकिन उसी दिन कुछ राक्षस सडकों पर साम्प्रदायिकता का तांडव कर रहे थे दोस्तों यकीन मानिए रात्रि को इन केंसर पीड़ित बुज़ुर्ग को एक कार  में अस्पताल से जब घर लाया जाने लगा एक कार में केंसर पीड़ित और कुछ महिलाये ,दूसरी कार में रिश्तेदार बच्चे चल रहे थे सामने ही भारत माता की जय पाकिस्तान मुर्दाबाद का नारा लगाते हुए करीब दो सो शराबियों का झुण्ड आया और कार में मुस्लिम लिबास की महिलाओं को देख कर घेर लिया पहले इस मरीज़ पर दबाव बनाया के कहो के वन्देमातरम कहों के हम हिन्दुस्तानी हे जब इन मरीज़ से गले का लास्ट स्टेज का केंसर होने के कारण  बोला नहीं गया और आँख से आंसू निकल गये तो इन  समाज कंटकों में से एक ने उनके गाल पर चांटा जड़ दिया कार में ही हमारे पड़ोसी का बच्चा शादाब बेठा था जो केवल दस वर्ष का हे उसके गले में हाथ डाल कर इन जानवरों ने दबाते हुए कहा के तू कह में हिन्दुस्तानी हु ,वन्देमातरम वरना अभी तेरा गला दबाता हूँ ओरतों  में चीख चीत्कार का माहोल था लेकिन इन समाजकंटकों के आगे बेबसी का माहोल था बच्चे ने जो उन्होंने कहा वोह सब दर  के मारे  कहा इन भेड़ियों को महिलाओं ने केंसर रोगी की पीड़ा के बारे में बताया तो महिलाओं के साथ भी इन लोगों ने अभद्रता की उनका यह शोरशराबा करीब आधे घंटे तक चलता रहा और जब वोह दोनों कारों को अपने घेरे से छोड़ कर गये तब जिस कर में बुज़ुर्ग केंसर रोगी बेठे थे उनकी तरफ देखा तो उनकी आँखें फटी थीं और घर जाने के पहले ही उनकी साँसे थम गयी थी रोते पीटते  जब वोह इस लाश को घर ले जा रहे थे तो ऐसे ना  जाने कितने समाज कंटकों की भीड़ का उन्हें सामना करना पढ़ा भारत जिंदाबाद,हिन्दुस्तान जिंदाबाद भारत में रहना होगा तो वन्देमातरम कहना होगा के नारे लग रहे थे यह लोग एक मुस्लिम बस्ती के पास से गुज़रे तो वहां दुसरा नजारा था वहां पाकिस्तान पर भारत की ख़ुशी पर जश्न मनाया जा रहा था फटाखे फोड़े जा रहे थे और नारे लग रहे थे ...... या ख्वाजा तेरा हिन्दुस्तान जिंदाबाद ........... भारत में रहना होगा तो इन्सान बन कर रहना होगा ....... एक दो एक दो जो जानवर हें उन्हें मार दो ..........
कल जब हमारे पड़ोसी और उनके छोटे बच्चे ने इंसानियत को शर्मसार कर देने वाले हिन्दुस्तानियों की यह वहशी दास्ताँ रो रो कर सुनाई तो मेरी भी आँख से आंसू निकल पढ़े और जिस हिन्दुस्तान और जिन हिन्दुस्तानियों पर गर्व हे उनमें से कुछ राक्षसों का यह वहशीपन सुनकर में खुद शर्मसार हो गया और जितनी ख़ुशी जितना गर्व मुझे भारत के क्रिकेट विश्व विजेता बनने पर था उससे कई गुना ज़्यादा दुःख मानवता के इन दुश्मनों की करतूतों पर हो रहा था क्या यही हिन्दुस्तान हे क्या इसे फिर से आप और हम बदल कर इसकी गंदगी साफ़ कर इसे आदर्श हिन्दुस्तान आदर्श भारत मेरा भारत महान नहीं बना सकते अगर हां ......तो दोस्तों अपनी लेखनी की धार से बदल डालो  जानवरों की सोच को अगर वोह इंसान बनते हें तो उन्हें इंसान बना दो लेकिन अगर इंसान नहीं बनते हें तो फिर मेरे बचपन के अंकल की तरह उन्हें सबक सिखा दो उन्हें सबक सिखा दो ................ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

5 टिप्‍पणियां:

  1. अख्तर भाई, राक्षस प्रवृत्ति के लोग हर समाज में हैं.... हिन्दुस्तान पाकिस्तान के मैच पर तो खुद मेरे साथ कई ऐसे वाकिये हो चुकें हैं जो अक्सर मुसलमानों को पाकिस्तान की टीम जीतने की दुआ करने के लिए काफी होते हैं. मैंने बचपन में अपने एक दोस्त के यहाँ भारत-पाक मैच देखा वहां लोग पाकिस्तान टीम के लिए मुल्लो की टीम और हरा दो इन मुसलमानों को जैसी बातें बोल रहे थे और मेरा खून खौल रहा था. उस समय के भारतीय कप्तान अजहरुद्दीन के जल्दी आउट होने पर हर एक ने उसे गद्दार बोला. इस पर मुझसे रुका नहीं गया और मैंने वहीँ अपना विरोध जताया और बोला की आज पाकिस्तान ही जीतेगा, इतना कह कर वहां से चला आया. हमारी टीम वह मैच हार गई, लेकिन उस हार के बाद कई दिनों तक हार का गम सताता रहा और अपनी गलत दुआओं पर अफ़सोस होता रहा. बस उस दिन से फैसला कर लिया था की चाहे कुछ भी हो, कोई चाहे हमें कितना ही गद्दार कहे, मेरा देश मेरा ही रहेगा. इसलिए मैं अपने देश के लिए, अपनी टीम के लिए ही हमेशा दुआएं मानुगा.

    20-20 विश्वकप जीतने पर मैं अपने अपनी कंपनी के कुछ और लड़कों के साथ ख़ुशी मन रहा था. मैंने अपनी टीम के लिए एक पोस्टर बनाया और उसकी कई प्रति अपने कार्यालय में जगह-जगह लगाईं. लेकिन कुछ ही देर बाद मेरी कंपनी के ही एक बड़े अफसर ने ऑफिस आते ही सबके सामने मुझसे कहा 'देखा, हरा दिया न हमने तेरी टीम को'... सोचो कैसा महसूस हुआ होगा तब मुझे???

    लेकिन कुछ गंदे लोगों की हरकतों के कारण मैंने अपने देश पर गर्व करना नहीं छोड़ा.... ऐसे कीड़े हर जगह हैं.

    जवाब देंहटाएं
  2. निश्चय ही ये शर्म से डूब कर मर जाने जैसी घटना है...

    जवाब देंहटाएं
  3. ये जो कौम, देश और इंसानी एकता को बाँटने वाली भावना है, इरादतन फैलाई जाती है। इसे फैलाने वाले न केवल भारत के अपितु इंसानियत के शत्रु हैं। लेकिन यह व्यवस्था उन्हें जीवित रखती है, खुद को जीवित रखने के लिए। हमें केवल खेद और अफसोस प्रकट कर के नहीं रह जाना चाहिए अपितु इस इंसानियत विरोधी षड़यंत्र के खिलाफ एकता का निर्माण करते हुए उस से सतत संघर्ष चलाना चाहिए।

    जवाब देंहटाएं
  4. यह हरकत अखलाक से गिरे हुए लोग करते हैं , इन लोगों को रोकने का काम सरकारी मशीनरी का है , कुसूरवार को सजा देने का काम भी उन्हीं का है और हमारी व्यवस्था इन शरारती तत्वों को रोकने में भी नाकाम है और इन्हें सजा देने में भी. इन सभी मामलों में मुजरिम को सजा कियामत के दिन ही मिलेगी लेकिन हम मुसलमान हैं हमारा काम लोगों को उनके बुरे आमाल के अंजाम से बचाना है . हमारा काम है लोगों को यह याद दिलाना कि
    ' ऐ लोगों तुम्हारा एक मालिक है जिससे तुम लोग एक रोज़ मिलने वाले हो लिहाज़ा छोड़ दो हर वह काम जो तुम्हे रुसवा करे तुम्हारे मालिक कि नज़र में.'
    उस ईश्वर- अल्लाह कि मुहब्बत हरेक दिल में है. उसी मुहब्बत को जगाकर आज इंसानियत को बचाया जा सकता है.
    मरहूम बुजुर्ग की खताओं को अल्लाह माफ़ फरमाए और उनका दर्जा बुलंद करे. वे दुनिया से एक मजलूम कि हालत में गए हैं . हो सकता है कि अल्लाह उन्हें शहीद का दर्जा दे दे .
    अल्लाह उन लोगों को भी हिदायत दे जिन्होंने उनके साथ बेवजह सख्ती की. उनकी गलत हरकत को सारे हिन्दुओं से न जोड़कर आपने वाकये की सही तस्वीर पेश की है..
    http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/04/hindi-twitter.html

    जवाब देंहटाएं
  5. rongte khade ho gaye aur sar sharm se jhuk gaya. kya Hindustani hone ka ye pratifal hai..

    जवाब देंहटाएं

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...