अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का सर शर्म से नीचा दिखाने वाली कोंग्रेस अब टू जी स्पेक्ट्रम घोटाले को सुप्रीमकोर्ट की निगरानी से अलग हटाकर पी ऐ सी संसदीय समिति की नोटंकी कर खुद को और दुसरे नेताओं को बचाने की कोशिशों में जुट गयी है अचानक भाजपा के मुरलीमनोहर जोशी को हटाकर सेफुद्दीन सोज़ को बली का बकरा बनाने के पीछे क्या मकसद है सब जानते हैं .
दोस्तों कोंग्रेस ने सभी भ्रस्ताचार और घोटालों को खूबी से निपटा दिए हैं और ताज्जुब की बात है के जिसके संरक्षण में यह सब घोटाले हुए हैं वाही नेता मनमोहन सिंह अपनी ब्लेकमेलिंग निति से विरोधियों से भी खुद के इमानदार होने का प्रमाणपत्र जरी करवा रहे हैं .
कल संसदीय समिति में अचानक उबाल आया और जो पोल कोंग्रेस और प्रधानमन्त्री कार्यालय की खुली उसके बाद संसदीय समिति का महासंग्राम हुआ और विधिवत अध्यक्ष बने मुरलीमनोहर जोशी को तीन दिन पहले ही नाटकीय ढंग से हटाकर सेफुद्दीन सोज़ को अध्यक्ष बना दिया सब जानते है मुर्लिम्नोंहर जोशी होते तो क्या सच सामने आता और अब सेफुद्दीन सोज़ होंगे तो क्या सच सामने आ सकेगा जब सरकार गिरने की बात आई जब भ्रटाचार की बात आई तो सपा और बसपा की राष्ट्रीयता भाड़ में चली गयी है और सभी मनमोहन को केसे बचाएं कोंग्रेस को केसे भ्रस्ताचार बढाने के लिएँ कुर्सी बताये रखें इसकी जुगत में लग गये हैं क्या आपकों मेरी तरह आएसे नेताओं के क्रियाकलापों पर शर्म नहीं आती अगर आती है तो कुछ करों ना यार .............. में अकेला क्या क्या करूंगा . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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