जब निकलता है कोई
दिल से
दिल में
बस जाने के बाद
दर्द असहनीय होता है
इनसे बिछड़
जाने के बाद
जब कोई
पास होता है
उसकी
क़दर नहीं होती
कमी महसूस होती है
बस
इन जनाब के
दूर चले जाने के बाद ........................ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
bahut khoob akhtar bhai..dard bayaan karna koi aap se seekhe ...bahut umda likha hai...
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