आपका-अख्तर खान

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27 अप्रैल 2011

एक अफ़सोस .............

एक अफ़सोस 
जो आपको भी है 
और मुझे भी 
कुदरत ने 
इन्सान को 
परिंदों की उंचाई से भी 
ज्यादा उड़ना     सिखाया ,
मछली और मगर मच्छ से 
तेज़ समुन्द्र में 
तेरना सिखाया  ,
इन्सान ने 
नागिन जेसा 
इठलाना भी सिखा 
बस अफ़सोस यह है 
के इंसान इंसान ना बन सका 
उसे धर्म ग्रंथों , सामाजिक नियमों 
से इंसानियत का किया बार 
पाठ पढ़ाया 
लेकिन देखलो 
फिर भी हमें 
इंसान बनना नहीं आया ....................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

11 टिप्‍पणियां:

  1. हर हुनर में माहिर, इसी एक में पीछे... इन्सान.

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  2. आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
    प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
    कल (28-4-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
    देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
    अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।

    http://charchamanch.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  3. इंसान क्यों न बन पाया..सवाल है उलझा हुआ...

    जवाब देंहटाएं
  4. माया जाल में फस कर इन्सान इन्सान नहीं बन पाया| धन्यवाद|

    जवाब देंहटाएं
  5. वाह वाह अकेला भाईजान। बहुत खूब लिखा।

    "बस अफ़सोस यह है
    के इंसान इंसान ना बन सका
    उसे धर्म ग्रंथों , सामाजिक नियमों
    से इंसानियत का किया बार
    पाठ पढ़ाया
    लेकिन देखलो
    फिर भी हमें
    इंसान बनना नहीं आया ..."

    ये बात जमाल को कभी समझ ना आई।

    बहुत सुन्दर बात कही आपने।

    जवाब देंहटाएं
  6. उसे धर्म ग्रंथों , सामाजिक नियमों
    से इंसानियत का किया बार
    पाठ पढ़ाया
    लेकिन देखलो
    फिर भी हमें
    इंसान बनना नहीं आया ..."ye sabal har kisiman me hai kiaakhir insaan q insaan nhi bana saka...bahut sunadar prastuti....

    जवाब देंहटाएं
  7. फिर भी हमें
    इंसान बनना नहीं आया... kaas! ye ham ban pate...

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति..

    जवाब देंहटाएं
  9. आप की बहुत अच्छी प्रस्तुति. के लिए आपका बहुत बहुत आभार आपको ......... अनेकानेक शुभकामनायें.
    मेरे ब्लॉग पर आने एवं अपना बहुमूल्य कमेन्ट देने के लिए धन्यवाद , ऐसे ही आशीर्वाद देते रहें
    दिनेश पारीक
    http://kuchtumkahokuchmekahu.blogspot.com/
    http://vangaydinesh.blogspot.com/2011/04/blog-post_26.html

    जवाब देंहटाएं

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

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