आपका-अख्तर खान

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15 अप्रैल 2011

अलविदा ना कहना

दर्द अपना दे 
चाहे पराया 
जितना सहा जाए 
उतना ही सहना 
किसी का दिल 
टूट जाए 
किसी का 
सपना बिखर जाए 
ऐसी बात ना कहना 
तुम जानते हो 
मिलेगा नहीं 
मुझ सा 
दूजा कोई 
कभी तुम्हें 
इसलियें 
खुदा के लियें 
फिर कभी 
अलविदा 
ना कहना ............................ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 

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