कोटा शहर के बोरखेड़ा क्षेत्र में स्थित चित्रेश कोल्ड स्टोरेज से सोमवार की रात अचानक अमोनिया गैस का रिसाव शुरू हो गया। इसी बीच कोल्ड स्टोरेज की पीछे की दीवार भी ढह गई। कुछ ही देर में अमोनिया हवा के साथ घुल गई और उसकी चपेट में आने से लोग अचेत होने लगे। रात तक गैस की चपेट में आने से अचेत हुए 18 लोगों व दीवार ढहने से घायल 2 जनों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर इलाका खाली करवा दिया और आसपास के फैक्ट्रियों से एक्सपर्ट बुलवाए हैं। पुलिस व प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बोरखेड़ा क्षेत्र के लोगों को सोमवार की रात साढ़े 11 बजे के करीब अचानक आंखों में जलन व सांस लेने में तकलीफ होने लगी। यह समस्या चित्रेश कोल्ड स्टोरेज के आसपास रहने वाले तथा वहां के कर्मचारियों को अधिक होने लगी और वे अचेत हो गए।
कुछ ही देर में एक के बाद एक लोग गैस की चपेट में आने लगे। अग्निशमन विभाग को सूचना मिली तो वे दमकल लेकर पहुंचे, लेकिन गैस के रिसाव के कारण पास तक नहीं पहुंच पाए। कोई कुछ कर पाता इससे पहले ही कोल्ड स्टोरेज की पिछली दीवार भी ढह गई। दीवार का मलबा कोल्ड स्टोरेज के पीछे की तरफ झौपड़ी पर गिरा। जिससे उसमें रहने वाली एक महिला गुड्डी घायल हो गई। उसके पति कालूलाल के भी मामूली चोटें आई। मौके पर पहुंचे एडीएम सिटी व सीआई विजय शंकर शर्मा ने एहतियात के तौर पर इलाका खाली करवा दिया। साथ ही सीएफसीएल व डीसीएम फैक्ट्री से मदद मांगी गई। रात करीब 1 बजे तक दोनों स्थानों के विशेषज्ञ मौके पर पहुंच गए थे और हालात पर काबू पाने के प्रयास किए जा रहे थे।
क्या है अमोनिया
हाइड्रोजन गैस को एक निश्चित तापमान पर गर्म करने से अमोनिया गैस बनती है। यह काफी ठंडी होती है और एसी, फ्रीज व कोल्ड स्टोरेज में ठंडक के लिए काम में ली जाती है।
कितनी घातक
अमोनिया गैस की मात्र 25 पीपीएम (पर पार्ट ऑफ मिलियन) मात्रा एक व्यक्ति के जीवन को संकट में डाल सकती है। यानी कि 1 मिलियन हवा में 25 अमोनिया के पार्ट मिलने से वह हवा दूषित हो जाती है।
कैसे करती है प्रभावित
जैसे ही अमोनिया गैस व्यक्ति के नाक द्वारा शरीर में प्रवेश करती है तो उसका श्वसन तंत्र जाम हो जाता है। सांस लेने में तकलीफ होने लगती है और अधिक समय तक सम्पर्क में रहने से फैफड़े काम करना बंद कर देते हैं।
कुछ ही देर में एक के बाद एक लोग गैस की चपेट में आने लगे। अग्निशमन विभाग को सूचना मिली तो वे दमकल लेकर पहुंचे, लेकिन गैस के रिसाव के कारण पास तक नहीं पहुंच पाए। कोई कुछ कर पाता इससे पहले ही कोल्ड स्टोरेज की पिछली दीवार भी ढह गई। दीवार का मलबा कोल्ड स्टोरेज के पीछे की तरफ झौपड़ी पर गिरा। जिससे उसमें रहने वाली एक महिला गुड्डी घायल हो गई। उसके पति कालूलाल के भी मामूली चोटें आई। मौके पर पहुंचे एडीएम सिटी व सीआई विजय शंकर शर्मा ने एहतियात के तौर पर इलाका खाली करवा दिया। साथ ही सीएफसीएल व डीसीएम फैक्ट्री से मदद मांगी गई। रात करीब 1 बजे तक दोनों स्थानों के विशेषज्ञ मौके पर पहुंच गए थे और हालात पर काबू पाने के प्रयास किए जा रहे थे।
क्या है अमोनिया
हाइड्रोजन गैस को एक निश्चित तापमान पर गर्म करने से अमोनिया गैस बनती है। यह काफी ठंडी होती है और एसी, फ्रीज व कोल्ड स्टोरेज में ठंडक के लिए काम में ली जाती है।
कितनी घातक
अमोनिया गैस की मात्र 25 पीपीएम (पर पार्ट ऑफ मिलियन) मात्रा एक व्यक्ति के जीवन को संकट में डाल सकती है। यानी कि 1 मिलियन हवा में 25 अमोनिया के पार्ट मिलने से वह हवा दूषित हो जाती है।
कैसे करती है प्रभावित
जैसे ही अमोनिया गैस व्यक्ति के नाक द्वारा शरीर में प्रवेश करती है तो उसका श्वसन तंत्र जाम हो जाता है। सांस लेने में तकलीफ होने लगती है और अधिक समय तक सम्पर्क में रहने से फैफड़े काम करना बंद कर देते हैं।
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