अच्छे रिश्ते
बहतर रिश्ते
घड़ी की
बेजान सुइयों के होते हें
जो एक दिन में
दो बार
एक दुसरे से मिलती हे
लेकिन यही
सुइयां
हमेशां
एक दुसरे से
जुडी रहती हे ................
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
जनाब अख्तर भाई! आप की बातों में दम है...
जवाब देंहटाएंये दीगर बात है कही ज्यादा कहीं कम है...
दो लाईने मेरी तरफ से पेश हैं....
बनते रिश्ते, बिगड़े रिश्ते हर रिश्ते ने आह भरी!
जब रिश्तों की समझ न थी तो क्यूँ रिश्तों की चाह करी!!