किसी ne कहा हे
खुबसुरत बाग़ ना बनो
बाग़ अगर तुम बने
तो लोग तुम पर
मोर्निंग और इवनिंग वाक् करेंगे
तुम पर खूब चल कर तुम्हें रोंदेंगे
इसलियें खुबसूरत बाग़ नहीं
खुबसूरत आसमान बनों
ताकि लोग तुम्हारी इस खूबसूरती को
दूर से निहारे
तुम्हारी इस आकाश की उंचाई को
खुद भी पाने के लियें कोशिश करें
तुम पर थूकें अगर
तो खुद उन पर नीचे आकर गिरे
इसलियें दोस्र्तों कहते हें के
खुबसुरत बाग़ नहीं
केवल केवल आसमान बनो .
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
खुबसुरत बाग़ ना बनो
बाग़ अगर तुम बने
तो लोग तुम पर
मोर्निंग और इवनिंग वाक् करेंगे
तुम पर खूब चल कर तुम्हें रोंदेंगे
इसलियें खुबसूरत बाग़ नहीं
खुबसूरत आसमान बनों
ताकि लोग तुम्हारी इस खूबसूरती को
दूर से निहारे
तुम्हारी इस आकाश की उंचाई को
खुद भी पाने के लियें कोशिश करें
तुम पर थूकें अगर
तो खुद उन पर नीचे आकर गिरे
इसलियें दोस्र्तों कहते हें के
खुबसुरत बाग़ नहीं
केवल केवल आसमान बनो .
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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