राजस्थान के अलवर जिले में भास्कर अख़बार के मालिक द्वारा नमक बेचने के धंधे पर नजर गढ़ाई और भास्कर नमक के स्वास्थ पर असर पढने वाले तत्वों की जांच के लियें सेम्पल लिए स्वस्थ अधिकारी जनता का फायदा चाहते थे लेकिन दाव उल्टा पढ़ गया और अख़बार भास्कर उन्हें चोर साबित करने के प्रयासों में जुट गया ।
अलवर के स्वास्थ्य अधिकारी ने भास्कर अख़बार की इस चोरी और सीना जोरी की शिकायत की हे उनका कहना हे के पहले उन्होंने रूटीन चेकिंग के दोरान भास्कर नमक के सेम्पल लिए और फिर इन सेम्पल के फेल हो जाने पर भास्कर के निर्माता और वितरकों के खिलाफ चालान की तय्यारी थी तभी भास्कर अख़बार ने उन्हें डराने धमकाने का प्रयास किया और जब वोह नहीं माने तो फिर भास्कर ने अनर्गल खबरें छापना शुरू कर दिन बस इसीलियें अखबार का काम और इसकी आड़ में दुसरे काम खूब पनपते हें जो लोग जितनी नेतिकता की बात करते हें अंदर से केसे होते हें अलवर की इस घटना से पोल खुल गयी हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
01 मार्च 2011
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
इसके बारें में कौन क्या कह सकता है...रिपोर्ट अपने आप बोलेंगी...
जवाब देंहटाएंअखबार का काम और इसकी आड़ में दूसरे काम खूब पनपते हैं.जो लोग जितनी नैतिकता की बात करते हैं.वो अंदर से कैसे होते हैं?
जवाब देंहटाएंआपके उपरोक्त विचारों से सहमत हूँ. मैं ऐसे कई स्थानीय समाचार पत्रों को जानता हूँ. जो पैसे लेकर सिर्फ परिचय-पत्र बनाकर रोटी चला रहे हैं. पैसों की हवस में अपराधियों को परिचय-पत्र जारी करने में संकोच नहीं करते हैं.