राजस्थान में चिकित्सकों की इस्तीफे की राजनीती तेज़ हो गयी हे और सरकार हे के चिकित्सकों को इस राजनीति से रोक पाने में अक्षम साबित हो रही हे .
राजस्थान में सरकार का खाकर गुर्राने वाले चिकित्सक आये दिन हडताल लड़ाई झगड़े करने लगे हें और हालत यह हें के अब तो उनके होसले इतने बुलंद हें के वोह यह सोचते हें के सरकार उने ही भरोसे चल रही हे हजारों हजार चिकित्सक सरकार की नोकरी में आने के लियें कतार में लगे हें लेकिन फिर भी चिकित्सक अपनी कथित मांगों के लियें खुद इस्तीफे देने की राजनीति करने लगे हें , चिकित्सक ऐसा इसलियें कर रहे हें के उन्हें कमजोर सरकार ने इस की छुट दी हे राजस्थान में इन दिनों जोधपुर उदयपुर कोटा जयपुर जहां कहीं भी हो चिकित्सक अपने इस्तीफों को जेब में लिए घूम रहे हें उनका कहना हे के सरकार को उनकी जरूरत हे उन्हें सरकार की जरूरत नहीं और इसीलियें वोह बेशर्मी से यह सब तमाशा अपने वरिष्ठ चिकित्सकों से मिलकर क्र रहे हें जनता और मरीज़ यहाँ रोज़ रोज़ के इस झगड़े से तंग आ चुकी हे लेकिन सरकार इन चिकित्सकों की ना तो मांगे मानती हे और अगर सरकार इनकी गेर कानूनी नाजायज़ मांगे मानती हे तो फिर इन मांगों के समर्थन में दिए गये इस्तीफे स्वीकार करती हे कुल मिलाकर सरकार कर्मचारियों से डर गयी हे और इसीलियें अधिकारी और कर्मचारी सरकार पर हावी हो गये हें सरकार अगर सभी चिकित्सकों के स्थायी रूप से इस्तीफे स्वीकार क्र ले तो यही चिकित्सक सरकार के आगे पीछे घुमने लगे जो चिकित्सक सरकारी चिकित्सालयों में अपि गुडविल बनाकर निजी प्रेक्टिस से लाखों रूपये महीना कमाते हें वाही चिकित्सक आज सरकार को इस्तीफे की नोटंकी कर ब्लेक मेल कर रहे हें और सरकार के पास कोई विकल्प नहीं दिख रहा हे क्योंकि इन दिनों सरकार शायद विश्व की सबसे कमजोर लाचार सरकार बन गयी हे और यहाँ इसीलियें अराजकता की स्थिति हे . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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