आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

25 मार्च 2011

मेरे अपनों का पत्थर दिल पर लगा ...............

प्यार 
अमन चेन 
सुकून 
अपनापन 
खोजने 
जब में चला 
इस खोज में 
पत्थर तो मुझे 
बहुत लोगों ने मारे 
बहुत लोगों ने 
किया 
मुझे लहू लुहान 
लेकिन 
एक पत्थर 
जिसने 
मेरे दिल को चीरा हे 
वोह किसी और ने नहीं 
मेरे अपनों ने 
मुझ पर 
उच्छाला था यारों 
मेरे अपनों ने 
मुझ पर 
हां मुझ पर 
मेरे अपनों ने 
यही पत्थर उछाला था ................... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...