प्यार
अमन चेन
सुकून
अपनापन
खोजने
जब में चला
इस खोज में
पत्थर तो मुझे
बहुत लोगों ने मारे
बहुत लोगों ने
किया
मुझे लहू लुहान
लेकिन
एक पत्थर
जिसने
मेरे दिल को चीरा हे
वोह किसी और ने नहीं
मेरे अपनों ने
मुझ पर
उच्छाला था यारों
मेरे अपनों ने
मुझ पर
हां मुझ पर
मेरे अपनों ने
यही पत्थर उछाला था ................... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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