राजस्थान और फिर राजस्थान में हाडोती हाडोती में कोटा जेन धर्मावलम्बियों का तीर्थ बनता जा रहा हे यहाँ से पास में ही श्री महावीरजी हे तो दूसरी तरफ खानपुर चान्द्खेदी हे कोटा में भी जेन धर्मस्थलों की भरमार हे यहाँ कल आदिनाथ जयंती पर जेन धर्मावलम्बियों ने १०८ कलशों का महामस्ताभिषेक किया हे .
कल कोटा में जेन श्रद्धालुओं ने भक्ताम्बर विधना प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए ४८ कलश और ४८ श्रीफल चढा कर म्हाम्स्ताभिशेक किया . जेन धर्मावलम्बियों के अनुसार आचार्य मांगी तुली को एक दुष्ट राजा ने केद कर लिया था और फिर उन्हें ४८ तालों में केद किया था कहते हें के इस अवसर पर महाराज ने भक्ताम्बर स्त्रोत की रचना की थी जो बाद में महाकाव्य स्तुति के रूप में प्रसिद्ध हे जेन मुनि महाराज ने इस अवसर पर जब भगवान की स्तुति की तो खुद बा खुद जेल के सभी ४८ ताले खुल गए और यह देख खुद दुष्ट राजा भी भोचक्का रह गया तब से ही म्हाम्स्ताभिशेक भक्ताम्बर स्त्रोत महाकाव्य रचना का चलने हे जो दुष्टों द्वारा दिए गये दुखों को दूर करता हे ऐसी मान्यता हे . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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