वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी ने एक बार फिर काला बाजारियों और सटोरियों को लाभ पहुँचाने के लियें महंगाई राग अलापा हे और अब महंगाई की माह महंगाई का दोर शुरू हो गया हे .
कल संसद में प्रणव मुखर्जी ने कहा के विश्व की अराजकता को देखते हुए देश में भविष्य में महंगाई की सम्भावनाएं फिर बढ़ गयी हें ध्यान रहे पिछले दिनों शरद पंवार ने बयानबाज़ी करके महंगाई बढा दी थी और पेर्नव जी ने कहा था के मेरे पास कोई अलादीन का चिराग नहीं हे जबकि प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह ने कहा था के में लाचार मजबूर और बेबस हूँ लेकिन एक बात उस वक्त तय हो गयी थी के ऐसे नादानी भरे बयाँ जिससे काला बाजारियों और जमाखोरों के होसले बुलंद हों और वोह क्रत्रिम महगाई स्थापित करें कोई भी नेता बयानबाज़ी नहीं करेगा इस मामले में शरद पंवार ने जब दुबारा ब्यान दे दिया था तो उनसे इस्तीफे तक की मांग उठ गयी थी लेकिन यह क्या प्रणव मुखर्जी स्थिति को सम्भालने स्थिति से निपटने के बदले बस महंगाई बढाने का ब्यान दे रहे हें शायद वोह सठिया गये हें और साथ के बाद तो फिर जब सरकार ही रिटायर कर देती हे तो फिर इन लोगों को देश की कमान सम्भालने की ज़िम्मेदारी केसे दी जाना चाहिए .............. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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