आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

24 मार्च 2011

एक फुल मोहम्मद जिसके जिस्म के टुकड़े बाद में उठाये

दोस्तों आपको सुन कर जरा अजीब सा लगेगा लेकिन यह सच हे के एक फुल मोहम्मद जो राजस्थान पुलिस में सवाई माधोपुरमान्ताउन थानाधिकारी थे उनको उनके इलाके के ही जालिमों ने ज़िंदा जला दिया जिस सरकार के नमक के लियें उन्होंने कुर्बानी दी उस सरकार ने उन्हें शाहादत का दर्जा तो दिया लेकिन आधा अधूरा ही दफना दिया . 
यह खोफ्नाक सच सरकार की पुलिस की जल्दबाजी और लापरवाही को उजागर करता हे पहले जिंदा जलाया जाना फिर मोत पर राजनीति बचकानी अभियुक्तों  को बरी करनी वाली एफ आई आर शहीद फुल्मोह्म्म्द के जले हुए विक्षिप्त शव को जीप में उनके गाँव केवल दो सिपाहियों के साथ भेजना उनके अंतिम संस्कार में सरकार का कोई प्रतिनिधि नहीं होना यह सब तो आम  लोगों को तो आक्रोशित किये हुए थी लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डोक्टर की रिपोर्ट जिसमें फुल्मोह्म्म्द का एक हाथ और एक पांव गुम होना अंकित किया गया पुलिस अधिकारी मुकदमा दर्ज होने के बाद तीन दिन तक मोके का मुआयना  नहीं  करने गये नक्शा मोका नहीं बनाया दंड प्रक्रिया संहिता के तहत घटना स्थल का सूक्ष्म निरिक्षण नहीं किया गया और तीन दिन बाद पत्थरों के नीचे फुल मोहम्मद का एक हाथ और एक पांव बरामद किया गया उसकी शायद कोई फर्द जब्ती भी नहीं बनी और फिर एक व्यक्ति जिसके शव को दफना दिया गया तीन दिन बाद उसके शव के कुछ टुकड़े सोचो उसके परिजनों पर क्या बीती होगी एक व्यक्ति का टुकड़ों में अंतिम संस्कार अफसोसनाक बात हे लेकिन पुलिस के अधिकारी हें के अब तक इस लापरवाही के लियें किसी को भी दोषी नही ठहरा रहे हें वेसे सरकार ने इस मामले में अब पुरे राजस्थान में एहतियाती कदम उठाये हें यहाँ कोटा में एक पुलिस कर्मी की चोकी पर हत्या और माधोपुर की यह जिंदा जला देने की घटना सरकार की सोच हे के पुलिस के प्रति जनता का आक्रोश भी कहीं ना कहीं हे जिसपर नजर रखने के लियें सरकार ने अब नई निगरानी व्यवस्था की हे सरकार अब अपने  स्त्रोतों के माध्यम से राज्य भर में जनता से बुरा व्यवहार रखने वाले पुलिसकर्मियों को चिन्हित कर रही हे , खेर सरकार थोड़ी देर से ही चेती चेती तो सही लेकिन अगर सरकार पुलिस अधिनियम के प्रावधानों के तहत अगर राज्य स्तर और जिला सम्भागीय स्तर की समितियों का गठन कर देती या अब भी कर दे तो सरकार का यह सर दर्द कम हो सकता हे और पुलिस और जनता के बीच एक सद्भावना का पुल बन सकता हे . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...