बुरा ना मानो होली हे बुरा मानो तो मान जाओ फिर भी होली हे जी हाँ दोस्तों होली का रंगों का खुशिया और अपनापन बिखेरने वाला यह त्यौहार आपकी हमारी सभी की जिंदगी में खुशियों के रंग भर दे और सभी ब्लोगर भाइयों बहनों को होली मुबारक हो , इस अवसर पर में थोड़ी गुस्ताखी कर रहा हूँ और कान भी पकड़ कर माफ़ी मांग रहा हूँ लेकिन मुझे माफ़ मत करना .
सलीम खान ........... खतरनाक लेखन
श्रीमती वन्दना गुप्ता ..लिखते रहो गृहणियों का नाम रोशन करो
दिलबाग विर्क ... सबका दिल बाग़ बाग़ करते रहो
डोक्टर निरुपमा वर्मा .. साहित्य का इलाज तो आपही को करना हे
जीशान जेडी ...... ब्लोगर की दुनिया की शान बनना हे
दीपा ..........दीपक की तरह रोशन होना हे
अफसाना तनवीर ..... एक खुबसूरत सीख देने वाला अफसाना हूँ
एस एम मासूम ...... हर दिल अज़ीज़ अमन का पैगाम मासूम बन गये हें आप
मार्कंड दवे .......... लिख रहा हूँ कुछ जूनून में
नील प्रदीप .............. कुछ तो लिख ही रहा हूँ
सदा ............एक आवाज़ जो सदा बनी रहेगी
डोक्टर श्याम गुप्ता .......ब्लोगर्स पर रिसर्च करना होगी
डोक्टर अनवर जमाल ...प्यार दो प्यार लोचारों तरफ अनवर भाई का जमाल हे
हरीश सिंह ...........कुछ मुझे भी तो बताओ यार
साधना वेद ........ लेखन में वेदों की ही साधना हे
सुरेश गुप्ता ..........में भी कुछ हूँ यार
महफूज़ अली ..... अच्छे लेखन को महफूज़ करो यारों
डी पी मिश्र ............. खुशबु बना हूँ में ब्लॉग की
मनोज ........... मेरी चाहत कोन हे
अनुराग अंत ....... मेरा राग अनंत हे
जसवंत धरु ....... किस किस को धरना हे
अनवारुल हसन .... मेरी पहचान मेरा लेखन
अन्ताक्षरी ........सभी का मनोरंजन हूँ में
प्रतिभा .......मेरी प्रतिभा का कोई मुकाबिल नहीं
इरफ़ान ....में भी इक फुल हूँ यारों
के एस कन्हय्या ...... ना बाबा ना में कृष्ण कन्हय्या नहीं
इंजीनियर सत्यम शिवम ...सत्य का पुल बनाउंगा
मिथलेश दुबे .......... ब्लोगिंग की सेवा कर रहा हूँ
कवि सुधीर गुप्ता .......मेरी भी सुनो यारों
डोक्टर डंडा लखनवी .......... मेरा भी डंडा चलता हे लेकिन आवाज़ नहीं होती यारों
डोक्टर अजमल खान .... मेरा भी अपना जमाल हे
अरविन्द्र शुक्ल ......... में भी सभी को पढ़ता हूँ
गजेन्द्र सिंह ........हाथी और बरसात का संगम हूँ
स्वराज करूँ ......... स्वराज ही मेरा जन्म सिद्ध अधिकार हे
शिखा कोशिक .वकील साहिबा सभी का मुकदमा लड़ रही हें
दिनेश द्विवेदी जी ...तीसरा खम्बा अदालत की दुनिया में अनवरत चल रहा हे
ललित शर्मा ..........घुमक्कड़ ब्लोगर भाई साहब
अतुल श्रीवास्तव .......... कुछ लिखता रहा हूँ प्यार में
मुकेश सिन्हा ............. मेरी भी तो सूना यार
रश्मि प्रभा ............... आज कल गाइड कर रही हूँ
के पी सक्सेना ........मेरी सेंसर की छुरी बहुत तेज़ हे
तीसरी आँख ..........मुझे सब दिख रहा हे
मदन गोपाल गर्ग .... मेरा ब्लॉग सब का प्यारा ब्लॉग
हरीश भट ............ सुधर जाओ यारों
आशुतोष ............मिलजुल कर रहना हे
अनामिकाएं सदायें ....... हमेशा याद रहेगी यह सदा
हाकिम युनुस खान .... थोड़ा हिकमत भी चलाना हे दोस्तों
डोक्टर अशोक पामिस्ट ..... सभी का हाथ देखना हे
डोक्टर राजेन्द्र तेला निरंतर ........निरंतर लिखता रहा हूँ
अली सोहराब ............ इंसाफ लेकर रहूंगा
अफसर पठान ...........में वोह वाला पठान नहीं हूँ भाई
हसन जावेद ........ सोचना का अधिकार दिलवा कर रहूंगा
पूजा ...............ब्लोगिंग की पुजारन हूँ
फिरदोस ..........विवादित लेखन
खुश दीप ..............खुशियों के ही दीप जला रहा हूँ
शाहनवाज़ .......... इंटीरियर ब्लॉग डेकोरेटर
तारकेश्वर गिरी ..... सभी को जोड़ कर चलना हे यारों
संजय सेन ............. लिखते रहो मुन्ना भाई
हिंदुस्तान का दर्द ......... सभी का दर्द खुद समो रखा हे
अतुल कनक ...........राजस्थान का लेखक कवि शेर हूँ
जाकिर अली रजनीश ....आचार्य रजनीश नहीं जाकिर हूँ भाई
डोक्टर रूपचन्द्र सशत्र मन्यंक ...... मेरे लेखन का रूप चाँद की तरह चमक रहा हे
उपदेश सक्सेना .... में लिखता हूँ उपदेश नहीं देता हूँ
अरविन्द सिसोदिया .....सोनिया को हटा कर रहूँगा
हरीश ..................... में जो लिखता हूँ सभी के लियें हें
रमेश सिरफिरा .........दिमाग फिरता हे सर नहीं पत्रकारिता से समाज बदल दूंगा
दोस्तों भाइयों बहनों होली के पूर्व सप्ताह के इस माहोल को में रंगीन बनाने की कोशिश कर रहा हूँ में नोसिखिया हूँ बहुत कुछ नहीं जानता हूँ बहुत ब्लोगर्स इसमें छुट गये हें में जानता हूँ में गलतियों का पुलंदा हूँ लेकिन थोड़ी थोड़ी धुल छांट कर अगर कोई बात कोई गलती हो तो जरुर सुधारने के निर्देश देना . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
हा हा हा वाह अख्तर साहब क्या विश्लेषण किया है?
जवाब देंहटाएंहा हा हा ... कमाल का लिखते हो भाई!! ज़बरदस्त!!
जवाब देंहटाएंवाह ... होली की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंमस्त लिखा है !
जवाब देंहटाएंसुन्दर है भई---
जवाब देंहटाएंरन्ग विरन्गे गुब्बारे हैं.
सुन्दर न्यारे न्यारे हैं ।
आखिर होली का रंग चढने लगा है………बढिया अन्दाज़ है।
जवाब देंहटाएंवाह ...बहुत ही बढि़या ...शुभकामनाएं ।।
जवाब देंहटाएंशिखा कोशिक .वकील साहिबा सभी का मुकदमा लड़ रही हें----are ye kya ..aap to khud hi holi ke rang v bhang me itna kho gaye ...main ek shodh-chhatra hun ...vakeel sahiba to Shalini kaushik ji hai .badhai dene ka tareeka anoothha hai .
जवाब देंहटाएंबड़े भाई अख्तर साहब जी, आपने काफी विश्लेषण किया है और काफी खोजबीन करके बता दिया कि-आप में खोजी पत्रकार बनने के गुणों का भंडार है और आपका यह नाचीज़ छोटा भाई राजस्थान के कोटा जिला से आपको शकुन्तला प्रेस ऑफ़ इंडिया प्रकाशन परिवार के इन्टरनेट संस्करण के लिए "अवैतनिक" मुख्य संवाददाता पद को सुशोभित करने को आमंत्रित कर रहा हूँ. आपमें बहुत ज्यादा खूबी है जो आपने मेरे "जीवन का लक्ष्य" को अपने अनुभव से पहचान लिया कि-मैं पत्रकारिता से समाज को बदल दूंगा. काश! ऐसा हो जाये तो मेरा जीवन सफल हो जायेगा. भारत माता और अपनी माताश्री का शायद कुछ कर्ज उतार सकूँ, वैसे इसके लिए तो मेरे सात जन्म भी कम है.
जवाब देंहटाएंशकुन्तला प्रेस कार्यालय के बाहर लगा एक फ्लेक्स बोर्ड देखे...यहाँ पर किल्क करें.
क्यों मैं "सिरफिरा" था, "सिरफिरा" हूँ और "सिरफिरा" रहूँगा! देखे....यहाँ पर किल्क करें.
आप सभी पाठकों और दोस्तों से हमारी विनम्र अनुरोध के साथ ही इच्छा हैं कि-अगर आपको समय मिले तो कृपया करके मेरे (http://sirfiraa.blogspot.com , http://rksirfiraa.blogspot.com , http://shakuntalapress.blogspot.com , http://mubarakbad.blogspot.com , http://aapkomubarakho.blogspot.com , http://aap-ki-shayari.blogspot.com , http://sachchadost.blogspot.com, http://sach-ka-saamana.blogspot.com , http://corruption-fighters.blogspot.com ) ब्लोगों का भी अवलोकन करें और अपने बहूमूल्य सुझाव व शिकायतें अवश्य भेजकर मेरा मार्गदर्शन करें. आप हमारी या हमारे ब्लोगों की आलोचनात्मक टिप्पणी करके हमारा मार्गदर्शन करें और अपने दोस्तों को भी करने के लिए कहे.हम आपकी आलोचनात्मक टिप्पणी का दिल की गहराईयों से स्वागत करने के साथ ही प्रकाशित करने का आपसे वादा करते हैं # निष्पक्ष, निडर, अपराध विरोधी व आजाद विचारधारा वाला प्रकाशक, मुद्रक, संपादक, स्वतंत्र पत्रकार, कवि व लेखक रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा" फ़ोन:9868262751, 9910350461
शकुन्तला प्रेस कार्यालय के बाहर लगा एक फ्लेक्स बोर्ड देखे.......http://shakuntalapress.blogspot.com/2011/03/blog-post_14.html
जवाब देंहटाएंक्यों मैं "सिरफिरा" था, "सिरफिरा" हूँ और "सिरफिरा" रहूँगा! देखे.......... http://sach-ka-saamana.blogspot.com/2011/03/blog-post_14.html
चलो इस बार तो हम बच गये। हम से आप परिचित नहीं। आपने जिनका नाम लिया सभी से मैं भी परिचित नहीं। देखता हूँ...आपकी टिप्पणी कितनी सही है।
जवाब देंहटाएंओह तो लिंक नहीं है। जोड़ना था न ।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब।
जवाब देंहटाएंअब कोई बुरा मान भी गया तो क्या कर लेगा आपका अख्तर भाई।
होली की शुभकामनाएं।
रमेश कुमार जैन जी ने अच्छा लिखा है.
जवाब देंहटाएं~~~वाह होली वाह~~~
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