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03 मार्च 2011

एस पी से रिश्वत मांगी तो नोकरी से बर्खास्त

आप माने या ना माने कोटा में एक ऐ एस आई की इतनी हिम्मत थी के वोह बिना किसी कारण कर एस पी से भी खुलकर रिश्वत की मांग कर लेता था अब यह जनाब बर्खास्त होकर घर बेठे हें ।
कोटा में गत दिनों जब राजस्थान में भाजपा सरकार थी जन अभाव अभियोग और राजस्थान अल्प संख्यक आयोग के सद्स्य अलीम भाई जो सरकार के खासम खास थे इन के टेंकर चलते हें और कोटा में एक कार से इस टेंकर की मामूली सी भिडंत हो जाने पर जब टेंकर और कार सवार के मध्य समझोता हो गया और कोई भी किसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं कराना चाहता था तब गुमानपुरा थाने में तेनात ऐ ऐसा आई रामलाल गुर्जर ने दोनों को रोक लिया और कहा के रूपये दो नहीं तो में खुद मुकदमा दर्ज करूंगा टेंकर वाले ने कहा के टेंकर नेता जी का हे बस ऐ एस आई साहब ने कहा के कोई बात नहीं हम तो ५ हजार रूपये लेंगे नहीं तो टेंकर जब्त करेंगे ड्राइवर ने ऐ एस आई साहब की बात नेता जी अब्दुल अलीम से कराई टी ऐ एस आई साहब ने वही रुआब से कहा के ५ हजार रूपये भिजवाओ वरना माल सहित टेंकर जब्त कर लूँगा नेता जी ने तुरंत दिमाग लगाया और ऐ एस आई से कहा के दस मिनट बाद इस नम्बर पर फोन कर रूपये मांग लेना तुम्हे मिल जायेंगे इस बीच नेता जी ने सारी बात एस पी विशाल बंसल को बताई दर असल नेता जी ने ऐ एस आई जी को नम्बर पुलिस अधीक्षक के ही दिए थे लेकिन रिश्वत के नशे में चूर ऐ एस आई साहब ने यह भी नहीं देखा के जो नम्बर दिए गये हें वोह उनके एस पी के हें और फोन कर एस पी साहब से रुपयों की मांग की फिर थोड़ी देर बाद फिर दुबारा फोन किया और फिर रुपयों की मांग की एस पी साहब ने शिकायत की तस्दीक होने पर अब्दुल अलीम साहब को लिखित में शिकायत देने को कहा तब अलीम भाई मेरे पास आये मेने इस मामले की शिकायत टाइप करवाई और अवकाश के दिन जब हम शिकायत लेकर एस पी साहब के निवास पर पहुंचे तो वोह खुद उनके ऐ एस आई की इस हिम्मत पर शर्मिदा थे खेर उसी वक्त ऐ एस आई साहब को निलम्बित कर दिया गया अब जब ऐ एस आई साहब को मामला समझ में आया तो उनके पेरों तले ज़मीं खिसक गयी ।
ऐ एस आई साहब मेरे खुद के भी मिलने वाले थे एक वकील साहिबा के रिश्तेदार थे उन्होंने खूब सिफारिश की लेकिन किया करते शिकायत दे चुके थे बयान बदल नहीं सकते थे और ऐसे दुस्साहसी को सजा से बचा नहीं सकते थे बस इसीलियें आज यह ऐ एस आई साहब थोड़े से लालच के चक्कर में अपनी नोकरी गवा कर बेठे हें अब भ्रष्ट कर्मचारी फिर भी नहीं सुधरे तो क्या करें .............. । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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