हाडोती में बहादुरों की धरती बूंदी के वीर रस कवि जो बाद में महा कवि कहलाये महा कवि सूर्य मल मिश्रण के बारे में देनिक अंगद के सम्पादक आदरणीय मदन मदिर ने काव्य टिप्पणी की हे जिसमें बूंदी की वीरता का उल्लेख हे जो प्रस्तुत हे ।
जिन कलमों में तलवारों को
लहू पिलाने की ताकत हे
जिन कवियों में राजपाट पर हुकुम
चलाने की आदत हे
सूर्यमल्ल की जन्म भूमि में
सूर्यवंशियों का स्वागत हे
पर प्रतिमा के पीछे गरिमा का
तस्कर व्यापा न हो
सत्ता की माया की कवि की
महिमा पर अधिकार न हो
चोराहे पर रोप दिया जो वंश भास्कर
चेताता हे
खुली धुप के रंग मंच पर
अंधकार का नाच ना हो .......... ।
संकलन ..... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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