लीबिया जहाँ भारी नरसंघार के बाद भी जब जनता की क्रान्ति दबाई नहीं जा सकी तो खुद को सुरक्षित करने के लियें लीबिया के डकेत गद्दाफी अब अपने कीमती सामण और नकदी के साथ भागने का प्रयास कर रहे हें ।
तेल के कुओं को बर्बाद करने और उन पर कब्जे करने की नियत से ब्रिटेन,फ़्रांस और अमेरिका ने इन इलाकों पर अपनी चोद्राह्त बना रखी हे लेकिन अब जनता इनकी लूट से तंग आ चुकी हे और इसीलियें जनता अब सडकों पर आ गयी हे हालत यह हें के बम,बारूद,गोलियों से भी बागी हुई जनता रुक नहीं पाई हे ऐसे में जब जनता का सच के लियें मैदान में कूद जाना हे तो फिर गद्दाफी की कुर्सी छूटना पक्की हे लेकिन कुर्सी छोड़ने के पहले हर कोई कोशिश में रहता हे के पहले सारा धन और जेवर लेकर भाग जाएँ और सुरक्षित स्थान तलाश करने बस गद्दाफी भी यही कर रहे हें लीबिया तो आज़ाद हो जाएगा लेकिन लोकतंत्र बहाली के नाम पर एम्रिका और दुसरे कुकुरमुत्ते देश तेल के लियें अपनी जीभ लपलपाते वहां शांति बहाली लोकतंत्र बहाली के लियें जा खड़े होंगे और अप्रत्याशित तरीके से फिर इस देश और दुसरे देशों को अपने चंगुल में ले लेंगे , खेर इन देशों की जनता कम से कम सच तो समझी हे और इस सच के कारण ही क्रान्ति हे देखते हें हमारे देश की जनता को इस सच को समझने में कितना वक्त लगता हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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