मुझे लगा अ
तुम मेरे हो
बस इसीलियें तो मेने
अपना सब कुछ
तुम्हें दे दिया
लेकिन यह क्या
तुम तो
महमूद गजनवी निकले
ना मेरे निकले
न खुद के निकले
बस लुटेरे ही लुटेरे निकले
अब भाग लो
अंगडाई मेने ले ली हे
तुम दिख भी गये
सामने अगर
तो तुम्हें
कच्चा चबाने की
कसम अब मेने ली हे ............... ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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