आपका-अख्तर खान

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25 फ़रवरी 2011

एक दिया दे दो रौशनी के लियें ....

अँधेरी
सियाह रात में
चमकते हुए दिए
मेरे घर के
ले तो जाओ
तुम अपना घर
रोशन करने के लियें
बस
केवल एक दिया
छोड़ दो
मेरे घर की भी
रौशनी के लियें ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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