राजस्थान में कोटा सहित कई जिलों में अपरिपक्व निर्णय से सभी आई ऐ एस अधिकारी दुखी हें और हालात यह हें के विरोधाभासी बचकाने निर्णयों के चलते एक राजस्थान प्रशासनिक अधिकारी को कलेक्टर बना कर उनके अधीनस्थ जिलों में तेनत आई ऐ एस अधिकारीयों को उनके अधीनस्थ कर दिया गया हे हालात इतने बिगड़ गये हें के जिन जिलों में आर ऐ एस अधिकारी कलेक्टर लगाये हें उन जिलों में आई ऐ एस अवकाश पर चले गये हें ।
कोटा जो राजस्थान का महत्वपूर्ण और संवेदन शील जिला हे यहाँ जी एल गुप्ता कलेक्टर हें जो आर ऐ एस हें लेकिन जिला परिषद में मुख्य कार्यकारी अधिकारी आई ऐ एस रमेश हें जो दो बार कलेक्टर का पोस्टिंग ले चुके हें और सफलतम कार्य कर चुके हें भला वोह एक आर ऐ एस जो कभी उनके अधीनस्थ रहा हे वोह उसके अधिन्ष्ट केसे रहते इधर आर ऐ एस को कलेक्टर लगे उधर आई ऐ एस ने अधीनता स्वीकार नहीं की और अवकास पर चले गये अभी वोह कोटा में चार माह के अवकाश पर हें इसी तरह कोटा के अलावा बाँसवाड़ा,प्रतापगढ़ ,जालोर, धोलपुर , सिरोही में भी आर ऐ एस कलेक्टर हे वहां भी प्रशासन का यही हाल हे वेसे भी भारतीय प्रशासनिक सेवाओं और राज्श्ताना प्रशासनिक सेवाओं के नियम बने हें उनके नियमों में यह सब विधि विरुद्ध हे लेकिन राजस्थान सरकार की मान्यता हे के आई ऐ एस कलेक्टर नेताओं की कम सुनते हें और आर ऐ एस अधिकारी नेताओं के इंस्ट्रूमेंट बन कर कम करते हें बस इसीलियें यह गोरख धंधा पावर गेम के तहत राजस्थान को तार तार कर देने के लियें किया जा रहा हे जिससे राजस्थान की जनता आहत हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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