Friday, December 31, 2010
कोटा कलेक्टर टी रविकांत को मुख्यमंत्री जी ने विशिष्ठ सचिव बनाया
नये साल की इस पहली खबर में टी रविकांत को तो उनकी क्षमता का पुरस्कार मिलना था लेकिन कोटा के पीड़ित और गरीब लोगों को तो इस खबर से सदमा लगा हे क्योंकि कोटा की जो कार्य योजनायें हें और जो चुस्त दुरुस्त प्रशासन हे अब अगर वोह ढर्रा बिगड़ गया तो गरीब और पीड़ित को त्वरित नया मिलने के ख़्वाब को टी रविकांत ने जो हकीकत में बदल दिया था उसका क्या होगा । दोस्तों आज के इस कलियुग में बहुत कम ऐसे अधिकारी हें जिनकी कार्यशेली के मुक्त कंठ से प्रशंसा की जाती हो में खुद भी इस मामले में कंजूस हूँ लेकिन किया करूं टी रविकांत कलेक्टर कोटा की कार्यशेली ने मुझे भी अपना फेन बना लिया था और लगता था की अब कोटा का प्रशासन , कर्मचारी और व्यवस्थाएं ट्रेक पर आने लगी हें निष्पक्ष और गेर राजनितिक तरीके से निर्भीक चुस्त दुरुस्त प्रशासनिक कार्य निपटाने वाले टी रविकांत जी को तो उनकी उपलब्धियों के कारण मुख्यमंत्री कार्यालय में नियुक्त कर पुरस्कार दे दिया गया हे लेकिन कोटा में तो उनके जाने की खबर से गरीब और पीड़ितों में जेसे मातम ही छा गया हे कोटा में पहली बार किसी कलेक्टर के ट्रांसफर की खबर से जनता के बीच में यह प्रतिक्रिया देखने को मिली हे खेर एक आता हे एक जाता हे लेकिन जो जीतता हे वही सिकन्दर होता हे जो कुछ करता हे याद भी उसे ही किया जाता हे , कोटा कलेक्टर पद पर कार्य करते हुए टी रविकांत जी ने अधिकारीयों कर्मचारियों की नाक में नकेल डाल कर उन्हें टाइम पर दफ्तरों में आने के लियें पाबन्द किया जो लोग लेट लतीफ रहे उन्हें एक दो बार माफ़ कर दंड का डर बताया तो जो लोग दफ्तर में वक्त पर आये उन्हें पुरस्कृत भी किया , कर्मचारियों के लियें विशेष प्रतियोगिताये करवाकर उनके होसले बुलंद किये उनकी पीठ थपथपाई तो गलत करने पर उन्हें आँखें भी दिखायीं , कलेक्ट्रेट परिसर पहली बार इतना साफ़ सुथरा और सुंदर सुरक्षित बनाया गया हे दफ्तरों में कार्य विभाजन कर त्वरित कार्य की कार्य प्रणाली लागू की गयी हे , अस्पताल में निरिक्षण के दोरान अगर कलेक्टर रविकांत जी को गंदगी लगी तो खुद ने अस्पताल में झाड़ू लगाकर कारसेवा की तो खुद बा खुद अस्पताल प्रशासन को शर्म आ गयी और अस्पताल में फिर सफाई रहने लगी तो जनाब चाहे सिगरेट पान बीडी का कानून चाहे और दुसरे कानून हों सख्ती से केसे लागू करवाए जा सकते हें और असम्भव को सम्भव केसे बनाया जा सकता हे यह सब खुद अकेले टी रविकांत ने कोटा कलेक्टर के पद पर रहते हुए किया हे जबकि कोटा की राजनितिक लड़ाई दो मंत्रियों का अखाड़ा बन चुकी थी तब भी नरेगा , महा नरेगा और अरबों रूपये की सरकारी जमीनों पर हुए अतिक्रमण हटवाने का काम टी रविकांत ने किया हे खेर अब उनकी तरक्की हुई हे टी रविकांत की कोटा से ज्यादा जरूरत पुरे राजस्थान को हे और इसीलियें उनकी खूबियों और काबलियत की वजह से उन्हें मुख्यमंत्री जी ने खुद के पास विशिष्ट दर्जा देकर सचिव बनाया हे यह उनके लियें और कोटा के लियें गोरव की बात हे इसके पहले श्रीमंत पांडे कोटा कलेक्टर पद से मुख्यमंत्री कार्यालय में गये थे जो वहां अपने कार्यो को बखूबी अंजाम दे रहे हें और टी रविकांत भी कोटा के हितों का ध्यान रखते हुए राजस्थान के विकास और प्रबन्धन में महत्वपूर्ण भूमिका अनिभायेंगे ऐसी कोटावासियों की दुआ हे । न्य साल सबको बहुत बहुत मुबारक हो । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
Akela ji Namaskaar,
जवाब देंहटाएंJai Hind
Main Tarun joshi.
Pali District se hun.
apke bare me dekha ki rajathan se hi ho achchha laga...
Krapya sampark banaye rakhe,,,
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aur ek kaam kijiye aap apna ek photo aur blog ka linkmujhe tdjoshiknarad@gmail.com par bhejen
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Jai Hind..