आपका-अख्तर खान

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11 जनवरी 2011

कितनी अजीब बात हे ...

कितनी
अजीब
बात हे
जिंदगी मेरी हे
फिर भी देख लो
यह जिंदगी
सिर्फ और सिर्फ
तुम्हारे साथ हे
मेरी
इस चाहत का
नतीजा यह फिर क्यूँ हे
हाथ फेलाता रहा में
तेरे साथ के लियें
फिर भी
किसी और का हाथ
तेरे हाथ में हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

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