राजस्थान में बारां जिले के अन्ता कस्बे में नरेगा कार्यक्रम में भ्रस्ताचार की शिकायतों के बाद जब जाँच की गयी तो ३४ लाख रूपये का घोटाला सामने आया हे , अधिकारीयों ने अधीनस्थ अधिकारीयों को इसका दोषी मानकर उनसे ३४ लाख रूपये की रिकवरी के आदेश दिए हें , नरेगा कार्यक्रम में सरकार की लापरवाही के कारण यह सब घोटाले हो रहे हें क्योंकि केंद्र और राजस्थान सरकार ने नरेगा काम काज की समीक्षा के लियें विधिक प्रावधान के तहत समितियां अभी तक गठित नहीं की हे मजेदार बात तो यह हे के केंद्र के पंचायत मंत्री सी पी जोशी ने आज तक भी इस दिशा में कोई पहल नहीं की हे ताकि जनहित में नरेगा भ्रस्ताचार रुक सके ।
नरेगा और महा नरेगा नियमों के तहत देश में केंद्र सरकार ने कानून बनाया हे जिसके तहत प्रत्येक जिले में इस कार्य की समीक्षा और मोनिटरिंग के लियें आवश्यक रूप से समितियों के गठन की बाध्यता हे जिसमें क्षेत्र के वकील,पत्रकार,समाजसेवक सहित कुछ अधिकारीयों को सदस्य बनाने का प्राव्धना हे लेकिन सरकार जानती हे के वकील और पत्रकार दो ऐसे समाज हें जो सरकार के अधिकारीयों की कठपुतली नहीं बनेंगे इसलियें दो वर्षों में अरबों रूपये खर्च हो गया हे लेकिन इस खर्च की वैधानिक समीक्षा के लियें विधि अनुसार समितियों का गठन कर समीक्षा नहीं की गयी हे क्योंकि आज कल नेता और अधिकारी चोर चोर मोसेरे भाई का नारा लगा रहे हें और इसीलियें जनता को समाज सेवकों को पत्रकारों को वकीलों को इस समिति से दूर रखा गया हे जबकि इससे कानून की धज्जियां उढ़ रही हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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