देश और राज्यों में सुचना के अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के बाद अचानक आई जाग्रति के चलते सरकार के भ्रस्ताचार उजागर होने से सरकार चिंतित हो गयी हे और केंद्र सरकार ने सुचना के अधिकार अधिनियम के संशोधन का प्रस्ताव किया हे जिसमें एक तो एक वक्त पर एक ही सवाल और दुसरे सुचना मांगने वाले की म्रत्यु के बाद इस पत्रावली को बंद कर देने का प्रावधान के साथ साथ प्रार्थना पत्र वापस लेने का अधिकार भी शामिल हे ।
कल आयोजित सुरक्षा समिति में कई लोगों ने इस प्रस्ताव की आलोचना की हे लोगों का कहना हे के यदि इस प्रकार के संशोधनों को मान लिया गया तो जिसके खिलाफ सुचना मांगी जाएगी वोह अपना भ्रस्टाचार छुपाने के लियें पहले तो उसे डराएगा धमकाएगा खरीद फरोख्त की कोशिश करेगा और फिर भी यदि उसकी डाल नहीं गलेगी तो वोह ऐसे सुचना मांगने वाले की हत्या भी कर सकता हे इसके अलावा इस अधिकार को और बढ़ाने के स्थान पर इसे घटाने से देश में भ्रस्ताचार और बड़ेगा , अब सुचना के अधिकार अधिनियम के आवेदकों और जनता को भी इस मामले में सरकारों को पत्र लिख कर शिकायत करना जरूरी हो गया हे नहीं तो यह ताना शाह सरकार कुछ भी कर सकती हे जिसका दंड जनता को भुगतना पढ़ेगा । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
20 जनवरी 2011
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