आपका-अख्तर खान

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31 जनवरी 2011

क्या सुनाऊं ,,,

क्या सुनाऊं
तुमको
मेरी जिंदगी के तराने ,
सिसिकियां
तडपन
जुदाई
बेवफाई
रुसवाई
तन्हाई
फकीरी
ना जाने
क्या क्या
सहा हे मेने
फिर
क्यूँ
सुन कर
मेरी दास्तान
तुम
अपना
आज
खराब करते हो ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

2 टिप्‍पणियां:

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