आपका-अख्तर खान

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08 जनवरी 2011

आहट ना करना .....

तुम आओ अगर ........

तुम
मेरी जिंदगी में
आओ अगर
तो जरा
आहट ना करना
कुछ उनकी यादें हें
जिनको सीने में लिए
सुकून से
सो रहा हूँ में ।
तुम आओ अगर
तो जरा
आहट न करना
उनके
बिछड़ने के
गम में
आज भी
सूखे हें
आँखों के
आंसू
लेकिन फिर भी
दिल से
में
याद में
सिर्फ उनकी
रो रहा हूँ ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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